मोदी सरकार देश में ऊर्जा के मोर्चे में बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके अंतर्गत पूरी इकोनॉमी को गैस आधारित अर्थवव्यस्था में तब्दील किया जाएगा. यानी ऊर्जा के परंपरागत स्रोत और संसाधनों की जगह अधिक से अधिक वैकल्पिक और क्लीन और ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके संकेत केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेचुरल गैस के क्षेत्र में उभरती हुई सँभवनाओं से जुड़े राष्ट्रीय सेमिनार में दी. इस अवसर पर उन्होंने नेचुरल गैस से जुड़े शेयरधारकों एवं प्रतिनिधियों से देश की इकोनॉमी को गैस आधारित अर्थवव्यस्था में तब्दील करने का आह्वान किया.

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गैस इकोनॉमी में भारत की ताकत

गैस इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि वर्तमान में भारत के सकल ऊर्जा में गैस का अनुपात  6.2 प्रतिशत है. जिसे 2030 तक 15 प्रतिशत के स्तर पर ले जाने का लक्ष्य है. ख़ास बात यह है कि एनर्जी इकोनॉमी में गैस का वैश्विक अनुपात 26 प्रतिशत है.

पेट्रोलियम मंत्रालय ने तैयार किया रोडमैप

प्राकृतिक गैस को कम लागत और प्रदूषण रहित बताते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने इकोनॉमी  में गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. 

- प्राकृतिक गैस का घरेलू उत्पादन बढाकर 34.55 बिलियन क्यूबिक मीटर किया गया.

- प्राइसिंग और एलएनजी मार्केटिंग में गैस उत्पादकों को स्वायत्तता दी गई.

- देश में नेशनल गैस ग्रिड बनाया जा रहा है.

- एलएनजी टर्मिनलों की क्षमता का विस्तार हुआ.

- पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए 10,500 करोड़ रु आवंटित किए गए.

- कच्छ से कोहिमा और कश्मीर से कन्याकुमारी तक गैस नेटवर्क के लिए पाइपलाइन में 4 लाख करोड़ का निवेश होगा.

राज्यों की बड़ी भूमिका

नेशनल कॉन्क्लेव ऑन इमर्जिंग ऑपर्च्युनिटीज इन नेचुरल गैस सेक्टर में राज्यों से भी उनके मंत्री एवं प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी राज्यों को इस दिशा में प्रोत्साहित करेगी.

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11वें दौर की निविदा जल्द

धर्मेंद्र प्रधान ने जल्द ही पीएनजीआरबी की ओर से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 11वें दौर की निविदा शुरू किए जाने के संकेत भी दिए. फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज द्वारा जल्द ही एक हेल्प डेस्क भी शुरू किया जाएगी, जो कि नियामकों के साथ राज्यों, उद्यमी एवं शेयरधारको के बीच संवाद को बढ़ाने में मददगार होगी.