Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम पर भारत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. भारत सरकार (MEA response over Afghanistan Crisis) ने सोमवार को कहा कि वह लगातार स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए है और अपने नागरिको की सुरक्षा और अफगानिस्तान में उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. 

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विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में है और जो लोग अफगानिस्तान को छोड़ना चाहते हैं, उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएंगी.

अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा, "अफगानिस्तान की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सरकार भारतीय नागरिकों और अफगानिस्तान में उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी."

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तालिबान ने किया काबुल पर कब्जा

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के एक अज्ञात स्थान पर जाने के कुछ ही घंटों बाद तालिबान (Taliban) ने रविवार शाम तक काबुल पर अपना कब्जा जमा लिया. जिससे अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban in Afghanistan) के अधिग्रहण का रास्ता खुल गया. 

लगातार बदल रहे हैं अफगानिस्तान में हालात

बागची ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में काबुल (kabul) में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है. यहां तक कि यह अभी भी तेजी से बदल रही है." उन्होंने कहा कि कई अफगानी हैं, जो लंबे समय से पारस्परिक विकास, शिक्षा और आपसी मेलजोल बढ़ाने के लिए भारत के सहयोगी रहे हैं. भारत उनके साथ खड़ा है.

भारत ने अपने नागरिकों को वापस आने को कहा

बागची ने कहा कि हम Afghanistan में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए लगातार एडवायजरी जारी कर रहे हैं, जिनमें उनसे तुरंत भारत वापस आने को कहा जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि हमने इमरजेंसी नंबर (Afghanistan emergency number) बांटे हैं. हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं.