विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने शनिवार, 24 सितंबर, को देश में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सेक्टर में जॉब कर रहे हैं या जॉब ढूंढ रहे युवाओं को फेक जॉब रैकेट के खिलाफ एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में सरकार ने कहा है कि देश में बहुत से आईटी स्किल्ड युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है. नौकरी का झांसा दे रहे रैकेट कथित रूप से उन्हें विदेश में नौकरी दिलवाने का बहाना बनाकर ले जा रहे हैं और उनसे जबरदस्ती बुरे हालातों में काम करा रहे हैं. MEA ने कहा कि भारतीय नौकरीपेशाओं को सलाह है कि वो ऐसे फेक जॉब ऑफर्स में न फंसें.

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मंत्रालय ने बताया कि बैंकॉक और म्यांमार से उनकी नजर में ऐसे फेक जॉब रैकेट सामने आए हैं, जिनके जरिए भारतीय युवाओं को अच्छी सैलरी पर थाईलैंड में संदिग्ध आईटी कंपनियों में 'Digital Sales and Marketing Executives' जैसी पोस्ट के लिए लुभाया जा रहा है. इन कंपनियों के कॉल-सेंटर स्कैम और क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में लिप्त होने पर शक है.

इन रैकेट्स के निशाने पर आईटी प्रोफेशनल्स हैं जिन्हें दुबई और भारत में बैठे एजेंटों की ओर से थाईलैंड में अच्छा पैसा देने वाले डेटा एंट्री नौकरियों का झांसा दिया जा रहा है. 

कथित रूप से इन युवाओं को फिर अवैध रूप से म्यांमार ले जाया जाता है और जबरदस्ती बंधक की तरह रखकर उनसे सख्त हालातों में काम लिया जाता है.

जरूर करें वेरिफिकेशन

केंद्र ने सलाह दी कि भारतीय सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से मिल रहे ऐसे ऑफर्स में न पड़ें. नौकरी के उद्देश्य से टूरिस्ट/विजिट वीज़ा पर विदेश जा रहे हैं तो यात्रा करने से पहले अपने विदेशी एंप्लॉयर, रिक्रूटिंग एजेंट या कंपनी की जानकारी उस देश के मिशन, दूतावास या इस संबंध में काम कर एजेंसी के पास से चेक कर लें.