महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को बढ़ा तोहफा दिया है. राज्य में हाल ही में बनी सरकार ने किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य विधानसभा में किसानों के लोन को माफ करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफी का पैसा सीधे बैंकों में जमा होगा. सरकार के मुताबिक किसानों को इस योजना का फायादा मार्च 2020 से मिल सकेगा.
 
हाल ही में महाराष्ट्र में बनी है सरकार
गौरतलब है कि शिवसेना ने हाल में राकांपा एवं कांग्रेस के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई है. वहीं पार्टी ने चुनावों में किसानों से वायदा किया था कि वो सत्ता में आने पर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए काम करेंगे. राज्य में किसानों के लिए कर्जमाफी का मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों के लिए घोषित की गई इस कर्जमाफी योजना को Mahatma Jyotirao Phule loan waiver scheme का नाम दिया है. शिवसेना प्रमुख ने विधानसभा में कहा, ''मेरी सरकार 30 सितंबर, 2019 तक बकाया कृषि ऋण को माफ करेगी. अधिकतम दो लाख रुपये तक का लोन माफ किया जाएगा.

 

विपक्षे ने किया विरोध
महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के नेता और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वायदा किया था कि किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाएगा. ऐसे में दो लाख रुपये तक की सीमा रख कर सरकार अपना वायदा पूरी तरह से पूरा नहीं कर रही है. विपक्षी नेताओं ने ठाकरे की अगुवाई वाली प्रदेश की सरकार से पूर्ण कर्ज माफी की मांग की. सरकार के फैसले के विरोध में फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया.
 
 
किसानों को मिलेगी राहत
महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में खराब मौसम और सूखा पड़ने से किसानों की फसलें खराब हुई हैं. इससे किसानों पर कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया है. ऐसे में सरकार की ओर से की गई ये घोषणा किसानों को बड़ी राहत पहुंचाएगी. महाराष्ट्र से आए दिन खराब वित्तीय हालत के कारण किसानों की आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं. महाराष्ट्र में वर्ष 2015 से 2018 के बीच 12,000 से अधिक किसानों ने खुदकुशी की थी. इस साल जून में राज्य विधानसभा को यह जानकारी दी गई थी. वहीं राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च के बीच 610 किसानों ने आत्महत्या की थी. इनमें से 192 किसान वित्तीय मदद के हकदार थे. राज्य में किसान लंबे समय से कर्ज माफी की मांग कर रहे थे.