इस राज्य के संतरों को मिली नई पहचान, मिला ‘‘सतपुड़ा ऑरेंज’’ का नाम
Satpuda Orange: सरकार की 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' प्रोत्साहन योजना के तहत छिंदवाड़ा में उगाए जाने वाले संतरे को ‘‘सतपुड़ा ऑरेंज’’ के रुप में जाना जाएगा. छिंदवाड़ा में पैदा होने वाले संतरे का छिलका पतला होता है और ये मीठे और रसीले होते हैं. इससे खास गुणों के कारण किसान सीधे इसे मल्टीनेशनल कंपनियों को फल बेच रहे हैं
Satpuda Orange: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में उगाए जाने वाले संतरे अब पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर के संतरे से अपनी एक अलग पहचान बनाएंगे. इन्हें सरकार की ‘‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’’ स्कीम के तहत ‘सतपुड़ा ऑरेंज’ कहा जाएगा. भोपाल में एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने फल के लिए एक QR कोड भी बनाया है, जिससे किसी व्यक्ति द्वारा कोड स्कैन करते ही किस्म के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी.
मल्टीनेशनल कंपनियां खरीद रहीं संतरा
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि, ‘‘बहुत कम लोग जानते हैं कि नागपुर में संतरे का एक बड़ा हिस्सा छिंदवाड़ा जिले से आता है. इसने नागपुर को ऑरेंज सिटी का टैग दिलाने में प्रमुख भूमिका अदा की है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' प्रोत्साहन योजना के तहत छिंदवाड़ा में उगाए जाने वाले संतरे को ‘‘सतपुड़ा ऑरेंज’’ के रुप में जाना जाएगा. छिंदवाड़ा में पैदा होने वाले संतरे का छिलका पतला होता है और ये मीठे और रसीले होते हैं.
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अधिकारी ने कहा कि इससे खास गुणों के कारण किसान सीधे इसे मल्टीनेशनल कंपनियों को फल बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये संतरे छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना, सौसर, बिछुआ और दूसरे ब्लॉक में लगभग 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उगाए जाते हैं. अधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 4.5 लाख टन संतरे का उत्पादन होता है जिसमें से 60 से 70 प्रतिशत नागपुर के व्यापारियों द्वारा प्राप्त किया जाता है और वहां से यह दूसरे राज्यों और बांग्लादेश में पहुंचता है.