उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोगों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है. सरकारी अस्पताल (Government hospital) हो या निजी अस्पताल (private hospital) कोई भी आपको इलाज के लिए मना नहीं कर सकेगा. साथ ही अगर प्राइवेट या सरकारी किसी भी अस्पतालों का कोई स्वास्थ्य कर्मी इस कोरोना काल (corona period) में छुट्टी लेना या नौकरी छोड़ना चाहता है तो भी उसे इसके लिए CMO की इजाजत लेनी होगी. लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट (DM) की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं.

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डीएम ने जारी किए आदेश (DM issued orders)

लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश (Lucknow DM Abhishek Prakash) की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि, ये देखने में आया है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में मेडिकल सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारी कोविड 19 (Covid 19) की ड्यूटी में काम नहीं करने की इच्छा जता रहे हैं. वहीं नौकरी छोड़ने या छुट्टी पर जाने के लिए तरह तरह के बहाने बना रहे हैं.

नौकरी छोड़ने या छुट्टे के लिए लेनी होगी इजाजत (Permission to leave job or to take leave)

डीएम की ओर से जारी किए गए आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि कोविड 19 को महामारी घोषित किया गया है. और राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 के तहत महामारी से लड़ाई लड़ी जा रही है. ऐसे में मेडिकल और पैमामेडिकल स्टॉफ चाहें वो सरकारी में हो या किसी प्राइवेट अस्पताल में जरूरत पड़ने पर उन्हें अपने सेवाओं के लिए उपस्थित रहना होगा. खास तौर पर अगर कोई कर्मचारी किसी कोविड अस्पताल में काम कर रहा है तो उसे  नौकरी छोड़ने या छुट्टी लेने के लिए अनुमति लेनी होगी. किसी संशय की स्थिति में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी CMO आखिरी फैसला लेंगे.

आदेश न मानने पर होगी कार्रवाई (Action will be taken against non-compliance)

अगर कोई स्वास्थ्य कर्मी इस आदेश को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 (National Disaster Response Act 2005) और भारतीय दंड संहिता 1860 (Indian Penal Code 1860) के तहत  कार्रवाई की जाएगी.

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