Farmers Protest Updates: नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को रद्द करने की मांग लेकर किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का आज 54वां दिन है. किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है. इसके अलावा किसान और सरकार के बीच कल मंगलवार को 10वें दौर की वार्ता होनी है.

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सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन की सुनवाई में एक याचिका किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली (tractor rally on Republic Day) के खिलाफ भी दायर की गई है. आज इसी याचिका पर सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट में ट्रैक्टर रैली के मुद्दे को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में किसे प्रवेश देना चाहिए या नहीं, इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ही इस ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा कार्यक्रम है. आंदोलन के नाम पर देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी की इजाजत नहीं दी जा सकती. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट ट्रैक्टर रैली या गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को किसी भी तरह से बाधित करने पर रोक लगाए.

कोर्ट ने स्थगित की सुनवाई

इस पर कोर्ट ने बॉल दिल्ली पुलिस के पाले में ही डाल दी है. अब 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के बारे में दिल्ली पुलिस को ही फैसला करना है.

सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि पुलिस के पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार हैं. पीठ ने कहा, ‘क्या उच्चतम न्यायालय यह बताएगा कि पुलिस की क्या शक्तियां हैं और वह इनका इस्तेमाल कैसे करेगी? हम आपको यह नहीं बताने जा रहे कि आपको क्या करना चाहिए. दिल्ली में प्रवेश का मामला न्याय व्यवस्था से जुड़ा है और पुलिस इस पर फैसला करेगी.’

पीठ ने कहा, ‘अटॉर्नी जनरल, हम इस मामले की सुनवाई स्थगित कर रहे हैं और आपके पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार है.’

सरकार हर पहलू पर वार्ता के लिए तैयार (Narendra Singh Tomar on Farmers Talk)

उधर, कल होने वाली किसान और सरकार के बीच बातचीत को लेकर कृषि मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा जो चाहे मांग सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान कल अगले दौर की बैठक में कृषि कानून के हर पहलुओं पर खुलकर चर्चा कर सकते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वह कानून पूरे देश के लिए होता है. ये तीनों नए कृषि कानून भी देश के लिए ही बनाए गए हैं और इन कानूनों पर देश के ज्यादातर किसान, विद्वान, वैज्ञानिक और कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं.

किसान अड़े हुए हैं

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि किसान 19 तारीख को हर मुद्दे पर चर्चा करें, किसान कानून वापसी के अलावा और क्या ऑप्शन चाहते हैं, उन्हें सरकार के सामने प्रस्‍तुत करें, तो सरकार जरूर पूरी गंभीरता के साथ उनकी समस्‍याओं और उनकी आपत्ति पर विचार करने को खुले मन से तैयार है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार मंडियों, व्‍यापारियों के रजिस्ट्रेशन और अन्‍य मुद्दों से जुड़ी किसानों की चिन्‍ताओं का समाधान करने के लिए तैयार है, इस बारे में किसान संगठनों को प्रस्‍ताव भेजा जा चुका है. उन्‍होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ पराली जलाने और बिजली के मुद्दों पर भी बात करने को तैयार है. लेकिन किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं.

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