केंद्र-किसानों में नहीं बनी बात! 12 दिसंबर को बंद रहेगा दिल्ली-जयपुर हाइवे, पूरे देश में 1 दिन टोल फ्री
प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा हाईवे को 12 दिसंबर को बंद रखने का ऐलान किया है.
Kisan Andolan: नए कृषि बिलों को लेकर किसान और सरकार के बीच चल रहा बातचीत का दौर आज भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका. किसानों ने केंद्र सरकार का प्रस्ताव खारिज करते हुए अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
किसान नेताओं का कहना है कि अभी तक उनका आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर था, लेकिन अब यह पूरे देश में चलाया जाएगा. प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा हाईवे ( Delhi-Agra highways) को 12 दिसंबर को बंद रखने का ऐलान किया है. इस दिन देश के सभी टोल प्लाजा फ्री रहेंगे.
गृहमंत्री और कृषि मंत्री की बैठक
आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच इस मुद्दे पर लंबी बातचीत हुई. कृषि मंत्री ने गृह मंत्री को किसानों के साथ अब तक हुई बातचीत के बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया. इस बैठक में किसान नेताओं द्वारा प्रस्ताव को खारिज करने के बाद सरकार की रणनीति पर भी चर्चा हुई. दोनों नेताओं के बीच बैठक करीब ढाई घंटे तक चली.
किसानों की समस्याओं के हल के लिए सरकार ने किसान यूनियनों के पास एक प्रस्ताव भेजा था. लेकिन इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है. किसान नेता कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर डटे क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि उन्होंने सरकार का प्रस्ताव खारीज कर दिया है. किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन का रूप अब अलग होगा. दिल्ली की ओर आने वाली सभी सड़कों को बंद किया जाएगा.
आज सुबह केंद्र सरकार ने किसान संगठनों के पास एक प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव में सिलसिलेवार ढंग से किसानों के मुद्दों को रखा गया और एक-एक मुद्दे के नीचे उसके समाधान के प्रस्ताव रखे गए थे.
राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दल (opposition parties meet with President Ram Nath Kovind)
किसानों के मुद्दे पर तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने मीडिया को बताया कि जब ये बिल पारित किए गए, उस समय सभी विपभी दलों ने अनुरोध किया था कि नए कृषि कानूनों पर गहन चर्चा के लिए बिल को एक समिति के पास भेजना चाहिए. लेकिन सरकार ने उनके अनुरोध को नहीं माना और जल्दबाजी में इन्हें पारित कर दिया.
शरद पवार ने कहा कि ठंड पड़ रही है और किसान खुली सड़कों पर शांतिपूर्वक अपना आंदोलन कर रहे हैं. यह सरकार का कर्तव्य है कि वह किसानों की समस्याओं का हल करे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि किसान विरोधी कृषि कानून वापस होने चाहिए.