धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर पूरी केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. 2019 में धारा 370 को हटाया गया जिसके बाद सरकार ने इसके री-डेवलपमेंट पर फोकस किया. बीते तीन सालों में यहां निवेश की बहार आ गई है. वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में 10000 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि 60000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव विचाराधीन हैं. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश की सरकार के की तरफ से जो मुहिम चलाई गई है, उसका असर दिख रहा है.

आजादी के बाद अब तक आए थे 14000 करोड़ का निवेश

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जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आधिकारिक प्रवक्ता ने बीते दिनों कहा कि आजादी के बाद से जम्मू और कश्मीर को केवल 14000 करोड़ रुपए का निजी निवेश प्राप्त हुआ था. हालांकि नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेने के बाद केंद्रशासित प्रदेश को लगभग एक वर्ष में 56000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.’’ प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश की निजी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश कर रही हैं. रियल एस्टेट सम्मेलन के दौरान कई बिल्डरों ने भी यहां निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखाई है.

निवेश के 3300 प्रस्ताव को अप्रूवल

प्रवक्ता की तरफ से शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, बीते दो सालों में निवेश को लेकर  3300 प्रस्ताव अप्रूव किए गए हैं. इनमें से 1879 प्रस्तावों को लेकर लेटर ऑफ इंटेंट भी जारी किया गया है. 260 मामलों में लीज डीड्स जारी किया गया है. 111 इंडस्ट्रियल एस्टेट को लेकर 9869 कनाल ऑफ लैंड जारी किया गया है. इस लैंड के लिए 217 रुपए की राशि सरकार के पास जमा की गई है.

देशी और विदेशी निवेशक दिखा रहे इंटरेस्ट

जम्मू-कश्मीर में निवेश को लेकर प्राइवेट और विदेशी निवेशक, दोनों इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. कई बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं. सरकार को वहां कई हेल्थ केयर प्रोजेक्ट्स भी लगाने का प्रस्ताव मिला है. इसमें दुबई आधारित EMAAR Group, Noon.com, अल माया ग्रुप, जीएल एंप्लॉयमेंट, MATU इन्वेस्टमेंट्स जैसी कंपनियां शामिल हैं. 

(भाषा इनपुट के साथ)