SBI Ecowrap report: सरकार देश में बीमा का दायरा बढ़ाने के इरादे से मनरेगा कामगारों को अनिवार्य रूप से बीमा योजना में शामिल कर सकती है. उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के अंतर्गत लाया जा सकता है. साथ ही बीमा पॉलिसी पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (GST) को कम कर युक्तिसंगत बनाया जा सकता है. एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.

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एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट

इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के लिये कुछ मानकीकृत उत्पादों (standardized products) के जरिये बीमा के रूप में सुरक्षा दायरा मजबूत किया जा सकता है. एसबीआई इकोरैप के मुताबिक, ‘‘मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के जरिये आजीविका सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. हमारा प्रस्ताव है कि मनरेग कामगारों को अनिवार्य रूप से पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के अंतर्गत लाया जा सकता है. इसके लिये सिर्फ 342 रुपये (330 रुपये और 12 रुपये) का ही भुगतान करना होगा. इसका बोझ सरकार उठा सकती है.’’

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दिए गए सुझाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 10 प्रतिशत परिवार प्रति व्यक्ति 100 दिन का काम पूरा करते हैं. अनिवार्य रूप से इन बीमा योजनाओं से जुड़ने को लेकर 400 से 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस खर्च का बोझ सरकार उठा सकती है. बीमा की पहुंच वित्त वर्ष 2000-01 में 2.71 प्रतिशत थी. इस सेक्टर को उदार बनाने से वित्त वर्ष 2008-09 में यह बढ़कर 5.20 प्रतिशत हो गयी. लेकिन 2013-14 में यह घटकर 3.30 प्रतिशत पर आ गयी

हालांकि, सरकार के समर्थन और सार्वभौमिक बीमा योजनाओं (पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई) से बीमा की पहुंच 2014-15 से 2020-21 के बीच बढ़कर 4.20 प्रतिशत पर पहुंच गयी. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 18 से 50 साल की आयु के लोगों के लिये सालाना 330 रुपये प्रीमियम पर उपलब्ध है. इस योजना के तहत जीवन बीमा दो लाख रुपये का है.

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 18 से 70 वर्ष के आयु के लोगों के लिये है. सालाना 12 रुपये के प्रीमियम के साथ इस योजना के तहत दुर्घटना के कारण आकस्मिक मौतऔर पूर्ण विकलांगता की स्थिति में दो लाख रुपये और आंशिक विकलांगता के मामले में एक लाख रुपये का बीमा कवर दिया गया है.

बीमा पॉलिसी पर जीएसटी कम करने का सुझाव

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फिलहाल सभी बीमा पॉलिसी पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. इस टैक्स में कमी से प्रीमियम में कमी आएगी और लोग बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आकर्षित होंगे. इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के लिये कुछ मानकीकृत उत्पाद लाये जा सकते हैं. इससे बीमा के रूप में सुरक्षा की कमी को दूर किया जा सकेगा.