इसरो (ISRO) का पीएसएलवी (PSLV) रॉकेट अपने 50वें मिशन बुधवार (11 दिसंबर) की दोपहर रवाना होगा. PSLV सी-48 रॉकेट को दोपहर 3.25 बजे एक ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 और नौ विदेशी उपग्रहों के साथ लांच किया जाएगा. ये लांचिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से की जाएगी. ISRO की ओर से भेजी जा रही इमेजिंग सैटेलाइट सीमाओं की निगरानी में सेना के लिए काफी मददगार साबित होगी.

इमेजिंग सैटेलाइट की ये है खूबी
ISRO की ओर से भेजा जा रहा सीसैट-2बीआर1 बहुत ताकतवर निगरानी कैमरा उपग्रह है. इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये बादलों के ऊपर से भी साफ क्वालिटी की अच्छी तस्वीरें ले सकता है. यह इमेजिंग उपग्रह X-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है जो कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सेना को काफी मदद करेगी. ये इमेजिंग उपग्रह दिन और रात के साथ ही सभी मौसम में प्रभावी ढंग से काम करता है. ISRO की ओर से भेजा जा रहा रॉकेट सभी 10 उपग्रहों को 576 किलोमीटर ऊपर स्थित अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करेगा.
 
इतने दिनों तक करेगा काम
ISRO की ओर से भेजी जा रही राडार इमेजिंग अर्थ ऑर्ब्जवेशन सैटेलाइट का वजह कुल 628 किलोग्राम है. इस सैटेलाइट के मिशन की अवधि 05 वर्ष की होगी. कृषि, वन एवं आपदा प्रबंधन में सहायता उपलब्ध कराने के मकसद से तैयार किया गया 628 किलोग्राम भार वाला यह उपग्रह अपने साथ नौ छोटे उपग्रहों को ले जाएगा. इनमें जापान, इजराइल, इटली के एक-एक और अमेरिका के छह उपग्रह भी शामिल होंगे.
 
लांचिंग के पहले भगवान के दरबार पहुंचे ISRO प्रमुख
ISRO की ओर से भेजा जा रहा सीसैट-2बीआर1 की लांचिंग के पहले पीएसएलवी-सी48 रॉकेट की सफलता के लिए इसरो प्रमुख के शिवन मंगलवार को तिरुपति बालाजी पहुंचे. यहां उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजा- अर्चना की. शिवन ने इस मौके पर कहा, पीएसएलवी-सी48 इसरो की एक बड़ी उपलब्धि है.
 
 
 
इन देशों के पास भी है राडार इमेजिंग सेटलाइट
जापान के पास राडार इमेजिंग अर्थ ऑर्ब्जवेशन सैटेलाइट पहले से है. वहीं इटली इस तरह की सेटलाइट का इस्तेमाल खोज और बचाव उपग्रह के तौर पर करता है. इसी तरह इजरायल के पास रिमोट सेंसिंग (दूरसंवेदी उपग्रह) है. अमेरिका ने पहले ही अर्थ इमेजिंग और चार बहुउद्देशीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह अंतरिक्ष में भेज रखे हैं.