ISRO Azadi Satellite: ISRO को उपलब्धी प्राप्त हुई है. भारत के पहले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV)  सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. इसकी लॉन्चिंग के लिए कल यानी 6 अगस्त को रात 2 बजकर 26 मिनट पर उलटी गिनती शुरू की गई थी. यह SSLV एक पृथ्वी अवलोकन सैटेसाइट है, जिसे स्कूली छात्रों ने बनाया है. ISRO ने सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर पहला SSLV लॉन्च करके इतिहास रच दिया है. 

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एसएसएलवी का उद्देश्य उपग्रह ईओएस-02 और आजादीसैट को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करना है. इसका वजन 500 किलोग्राम तक है और जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है. SSLV 34 मीटर लंबा है जो PSLV से लगभग 10 मीटर कम है और PSLV के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है.

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EOS-02 अंतरिक्षयान की लघु उपग्रह श्रृंखला का सैटेलाइट है, ‘आज़ादीसैट’ में 75 अलग-अलग उपकरण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 50 ग्राम है. देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को इन उपकरणों के निर्माण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया था जो ‘स्पेस किड्स इंडिया’ की छात्र टीम द्वारा एकीकृत हैं. ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ द्वारा विकसित जमीनी प्रणाली का उपयोग इस उपग्रह से डेटा प्राप्त करने के लिए किया जाएगा.

पहले PSLV द्वारा लॉन्च किए जाते थे सैटेलाइट

आपको बता दें कि इससे पहले सैटेलाइट PSLV द्वारा लॉन्च किए जाते थे, जिसकी लागत काफी ज्यादा थी. वहीं इनके निर्माण में 45 दिन और 600 इंजीनियर लगते थे. PSLV को लॉन्च के लिए पे लोड पूरा करने के लिये सेटेलाइट का इतजार करना पड़ता था.

दो उपग्रहों को करेगा स्थापित

SSLV रॉकेट दो उपग्रहों को अंतरिक्ष मे 350 Km वाली कक्षा में स्थापित करेगा. पहला सैटेलाइट 135 की ग्राम वजन वाला भु अवलोकन उपग्रह IOS 02 है, जबकि दूसरा उपग्रह आजादी सैटेलाइट है, जिसका वजन 7.5 Kg है.