IPL New Team Bidding latest news in hindi:  बीसीसीआई (BCCI) ने आज यानि सोमवार को आईपीएल 2022 (IPL 2022) के लिए दो नई टीमों का एलान किया है. ऑक्शन में (IPL 2022 Team Auction) अहमदाबाद को सीवीसी कैपिटल (CVC Capital) ने 5600 करोड़ जबकि लखनऊ को आरपी संजीव गोयनका ग्रुप (RP Sanjiv Goenka Group) ने 7090 करोड़ रुपए में खरीदने में कामयाबी हासिल की.

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आईपीएल का अगला सीजन और धमाकेदार होने की उम्मीद है. आईपीएल 2022 में 8 की जगह दस टीमें भाग लेने के लिए तैयार है. आईपीएल 2022 में अहमदाबाद और लखनऊ की टीमों को शामिल किया गया है. लंबे समय तक कई कंपनियों ने आईपीएल की नई फ्रेंचाइजी बनने के लिए बोली लगाई.  तकनीकी समिति बिडर्स द्वारा जमा किए गए सभी तकनीकी दस्तावेजों की जांच करने के बाद इस बात का एलान किया. आईपीएल में अब 10 टीमें होने के बाद  IPL 2022 में मैचों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. 

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 संजीव गोयनका ग्रुप ने लगाई 7090 करोड़ रुपये की बोली

टीमों के बीच अब 60 की जगह 74 मैच खेले जाने की उम्मीद है. पिछली बार बीसीसीआई ने 2015 में नई फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाई थी, जब राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स और गुजरात लायंस ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की जगह ली थी.आरपीएसजी ग्रुप ऑफ संजीव गोयनका और सीवीसी कैपिटल, एक अंतरराष्ट्रीय निवेश फर्म, ने दो नई आईपीएल टीमों को हासिल किया है. लखनऊ फ्रेंचाइजी के लिए संजीव गोयनका ग्रुप ने सबसे ज्यादा करीब 7090 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. 

डानी ग्रुप, टॉरेंट और मैनचेस्टर यूनाइटेड ने नहीं लगाई बड़ी बोली

डानी ग्रुप, टॉरेंट और मैनचेस्टर यूनाइटेड भी नीलामी में शामिल थे, लेकिन वह 5000 करोड़ तक ही बोली लगा पाए. दुबई में मौजूद बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने पीटीआई को नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘हां, आरपीएसजी ने 7090 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई जबकि सीवीसी ने 5600 करोड़ रुपये की दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाई. बीसीसीआई को इस करार से लगभग एक अरब 70 करोड़ डॉलर की कमाई होगी. ’’ फ्रेंचाइजी को खरीदने की दौड़ में पिछड़ने वाली बड़ी कंपनियों में गौतम अडानी का अडानी समूह शामिल है जिसने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. 

मैनचेस्टर यूनाईटेड का स्वामित्व रखने वाले ग्लेजर और टोरेंट समूह की बोली भी शीर्ष दो बोली में शामिल नहीं रही. बाइस कंपनियों ने 10 लाख रुपये का निविदा दस्तावेज खरीदा था लेकिन नई टीमों का आधार मूल्य दो हजार करोड़ रुपये होने के कारण सिर्फ पांच या छह गंभीर दावेदार ही दौड़ में थे.