Integrated BEd: अब 5 नहीं 4 साल में कर सकेंगे इंटीग्रेटेड बीएड, 2022-23 के एकेडमिक सेशन से होगी शुरुआत
Integrated BEd:अब स्टूडेंट्स 4 साल में ही इंटीग्रेटेड बीएड कर सकेंगे.
Integrated BEd: शिक्षा मंत्रालय ने चार साल के इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को नोटिफाई किया है. यह एक डबल प्रमुख इंटीग्रेटेड स्नातक डिग्री है जिसके तहत बीए, बीएड, बीएससी, बीएड और बीकॉम, बीएड पाठ्यक्रम पेश किया गया है. अभी बीएड लिए जरूरी 5 साल के बजाय अब स्टूडेंट्स 4 साल में ही इसे पूरा कर लेंगे, जिससे उनके एक साल की बचत होगी. चार साल के आईटीईपी की शुरुआत एकेडमिक सेशन 2022-23 से होगी. यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत टीचर एजुकेशन से संबंधित किए गए प्रमुख प्रावधानों में से एक है.
सिर्फ आईटीईपी के जरिए होगी भर्ती
एनईपी 2020 के मुताबिक, साल 2030 से शिक्षकों की भर्ती सिर्फ आईटीईपी के जरिए होगी. इसे शुरू में देश भर के लगभग 50 सलेक्टेड बहु-विषयक (multidisciplinary) संस्थानों में पायलट मोड में पेश किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इस कोर्स को इस तरह से तैयार किया है. इसमें एक छात्र-शिक्षक को शिक्षा में डिग्री के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या कॉमर्स जैसे विशेषीकृत (specialised) विषयों में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाता है.
बुधवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक आईटीईपी से एडवांस अध्यापन कला प्रदान करेगा. प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान (एफएलएन), समावेशी शिक्षा, और भारत तथा इसके मूल्यों, लोकाचार, कलाओं, परंपराओं और दूसरी चीजों की समझ विकसित करने में आधार तैयार करने का काम करेगा.
पांच साल के बजाय चार साल में कोर्स
आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक शिक्षा के बाद टीचिंग को एक पेशे के रूप में लेना चाहते हैं. मंत्रालय के मुताबिक इस एकेडमिक सेशन से छात्रों को काफी फायदा होगा क्योंकि वे अभी के बीएड पाठ्यक्रम के लिए जरूरी पांच साल के बजाय चार साल में ही इसे पूरा कर लेंगे.
चार साल के आईटीईपी की शुरूआत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से होगी. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा ( NCET) के जरिए इसमें एडमिशन दिया जाएगा. यह कोर्स बहु-विषयक संस्थानों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा और यह स्कूली शिक्षकों के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता बन जाएगा.
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