INS Vikrant: भारत का पहला स्वदेश में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना में कमीशन होने के बाद अरब सागर में मुंबई के नेवल डॉक में कुछ दिनों के लिए पहुंचा है. INS विक्रांत देश का दूसरा ऐसा जहाज है जो समुद्र में दुश्मन के खिलाफ सीधी टक्कर लेने में सक्षम है. 20 हजार करोड़ की लागत से तयार हुआ आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर किसी भी वक्त 1600 सैनिक सवार होते हैं और सैनिकों के साथ मिग29, स्वदेशी LCA फाइटर प्लेन तेजस, kamov फर्स्ट रिस्पॉन्डर हेलीकॉप्टर जैसे आधुनिक और गरजने वाले 48 हजार किलो के हथियारों को भी ढोने में सक्षम है.

क्या है आईएनएस विक्रांत की क्षमता

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विमानवाहक पोत विक्रांत पर 30 विमान, 18 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर समा सकते हैं. वर्तमान में, विक्रांत पर हल्के हेलीकाप्टरों के साथ तीन मिग29 K लड़ाकू जेट, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस जहाज तैनात हैं. फाइटर प्लेन के साथ विक्रांत पर कामोव और यूएस एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर भी वाहक से संचालित होंगे. बता दें की MH60 रोमियो एंटी सबमरीन वारफेयर में घातक साबित होते रहे हैं.

 

देश का सबसे बड़ा वॉर शिप

यह युद्ध पोत भारत का सबसे बड़ा वॉर शिप है, जिसकी एयर स्ट्रिप तकरीबन 262 मीटर लंबी है. इसपर दौड़ते हुए फाइटर प्लेन समुद्र में अपने लक्ष्य की और बढ़ते हैं और मिशन पूरा कर इसी डेक पर लगे तीन अरेस्टिंग केबल की मदद से जंगी जहाजों को कुछ ही मीटर में रोक दुबारा शिप में लैंड किया जाता है. जिसके बाद रिफ्यूलिंग, और हथियार लोड कर इन्हें दुबारा जंगी मोर्चे पर रवाना किया जाता है. 

हजारों टन का विक्रांत 28 नोटीकल माइल्स की रफ्तार से समुद्री लहरों को चीरते हुए आगे बढ़ता है. विक्रांत से पहले देश को आईएनएस विक्रमादित्य के रूप में पहला एयरक्राफ्ट कैरियर प्राप्त है. यानी अब भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. हालांकि नेवी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में देश को अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर प्राप्त होने वाला है. 

दुनिया में हासिल की ये उपलब्धि

शिप पर तैनात कैप्टन विद्याधर हरके बताते हैं कि विक्रांत मिलने से भारत दुनिया के कुछ खास देशों में शामिल हो चुका है, जो न सिर्फ एयरक्राफ्ट कैरियर रखते हैं, बल्कि उसे खुद निर्माण करने की क्षमता भी रखते हैं. भारत से पहले यूएसए, यूके, फ्रांस, रूस, इटली और चीन ऐसे देश रहे हैं जिनके पास स्वदेशी निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर है. कैप्टन विद्याधर हरके का कहना है की नेवी की मजबूती देश की सुरक्षा के साथ देश की ब्लू इकोनॉमी यानी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने में अहम भूमिका निभाता है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को मिला गॉड ऑफ ऑनर

बता दें की गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस आईएनएस विक्रांत पर पहुंचे थे और इस बीच उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. विक्रांत पर पहुंचे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने LCA तेजस में बैठ इसका भी जायजा लिया. इसी के साथ वह पहले ऐसे विदेशी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने स्वदेश में बने आईएनएस विक्रांत पर कदम रखा है. 

 

अपने इस दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जानकारी दी की भारत और ऑस्ट्रेलिया करीबी रणनीतिक साझेदार हैं ऐसे में इस साल अगस्त में ऑस्ट्रेलिया भारत, जापान और अमेरिका के साथ मालाबार नौसेना अभ्यास आयोजित किया जाएगा. भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया के तलिस्मान सेबर अभ्यास में भाग लेने वाला है.

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