Indigenous vaccine for cervical cancer: भारत के लिए 1 सितंबर का दिन बेहद खास होने वाला है. वजह है देश को मिलने वाला सर्वाइकल कैंसर का देसी टीका. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग 1 सितंबर को स्वदेशी वैक्सीन (टीका) लॉन्च करेंगे. इस वैक्सीन को लेकर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 जुलाई को मार्केट अथॉराइजेशन दिया था. यह पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) है. इस टीका (cervical cancer indigenous vaccine) के आने से बीमारी से बचाव आसान होगा.

भारत में सर्वाइकल कैंसर के मरीज

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खबर के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के मुताबिक भारत में सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के 1.23 लाख मामले हर साल आते हैं. इसमें लगभग 67,000 महिलाओं की मौत हो जाती है.सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भारत (cervical cancer in India) का पांचवां स्थान है. भारत में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर का प्रकार है. आंकड़ों के मुताबिक, 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी बड़ी वजह है. 

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है जिम्मेदार

सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. वैक्सीन (Vaccine) सबसे पहले नौ से 14 साल की लड़कियों को दी जा सकती है. भारत ने हाल में कोविड-19 से बचने के लिए भी देसी टीका बनाकर अपनी क्षमता का परिचय दुनिया का कराया था.