भारतीय नेवी ने ब्रिटिश कालीन परंपरा को खत्म कर दी है. नौ सेना के जवानों और अधिकारियों के हाथों में अब छड़ी दिखाई नहीं देगी. इस नियम को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है. नेवी ने अपने आदेश में कहा है कि समय के साथ-साथ नेवी के जवानों द्वारा छड़ी को उठाना एक आदर्श बन गया था. ऐसे में ब्रिटिश औपनिवेशिक परंपराओं को खत्म करने के सरकारी आदेश के मुताबिक नेवी के सभी कर्मियों द्वारा छड़ी रखने की परंपरा को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है.  

यूनिट कमांडर के ऑफिस में रखें बैटन

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नेवी द्वारा जारी बयान के मुताबिक सभी को निर्देश दिए गए हैं कि इस सेरेमोनियल बेटन को हर यूनिट के संगठन प्रमुख के ऑफिस में औपचारिक तौर पर रख दिया जाए. नेवी के मुताबिक अमृतकाल में बदली हुई नेवी में औपनिवेशिक विरासत की कोई जगह नहीं है. कमांड के बदलाव के दौरान बैटन का औपचारिक हस्तांतरण अब केवल रस्मी तौर पर ऑफिस के अंदर ही किया जाएगा.  

पीएम मोदी ने किया था निशान का अनावरण 

आपको बता दें कि इंडियन नेवी के नए ध्वज 'निशान' का अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसके जरिए औपनिवेशक इतिहास के अवशेषों को हटाया जाना था. साथ ही देश की समृद्ध समुद्री विरासत को भी दर्शाना था. निशान छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरित होकर बनाया गया था. छत्रपति शिवाजी की शाही मुहर का प्रतिनिधित्व करने वाले अष्टकोण में लगे हुए एक गहरे नीले रंग की पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना शिखा का परिचय देता है.

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मार्च 2021 में गुजरात के केवड़िया में आयोजित संयुक्त कमांडर की कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा था उन सभी विरासतों और प्रैक्ट आपको बता दें कि  भारतीय रक्षा बल द्वारा ब्रिटिश औपनिवेशिक काल की कई विरासतों और प्रथाओं को खत्म किया जाए, जिसकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है.