Rain in India in october 2021: भारत में 1 अक्टूबर से 21 अक्टूबर के बीच सामान्य से 41 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई. सिर्फ उत्तराखंड को सामान्य से पांच गुना ज्यादा बारिश का सामना करना पड़ा. भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों में गुरुवार को यह जानकारी सामने आई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, आईएमडी ने कहा कि इस महीने में देश में सामान्य रूप से 60.2 मिलीमीटर बारिश होती लेकिन इस बार 84.8 मिलीमीटर बारिश हुई. 

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694 जिलों में से 45 प्रतिशत में बहुत ज्यादा बारिश 

खबर के मुताबिक, देश के 694 जिलों में से 45 प्रतिशत (16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 311 जिले) में बहुत ज्यादा बारिश हुई. उत्तराखंड में 1 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच सामान्य (35.3 मिलीमीटर) के मुकाबले 192.6 मिलीमीटर बारिश हुई जिससे 54 से ज्यादा लोगों की जा चली गई. केरल में इस दौरान 445.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जिससे 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. सिक्किम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश हुई जिससे जानमाल का काफी नुकसान हुआ. विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र के गर्म होने, बेरोकटोक विकास और मॉनसून की वापसी में हुई देरी इस अतिवृष्टि का कारण हो सकता है.

यह असामान्य अक्टूबर था

आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर बालाजी नरसिम्हन का कहना है कि निश्चित तौर पर यह असामान्य अक्टूबर था. उन्होंने इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चरल चुनौतियों और बेरोकटोक हो रहे विकास के काम को जिम्मेदार ठहराया. नरसिम्हन ने 2105 में चेन्नई में आई बाढ़ का भी अध्ययन किया था. उन्होंने कहा कि मौसम में इस तरह के बदलाव पहले भी होते रहे हैं. लेकिन अब घनी आबादी वाले क्षेत्र विकसित हो रहे हैं जिससे इसका प्रभाव बढ़ जाता है.

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अक्टूबर में वातावरण में कम दबाव के क्षेत्र निर्मित हुए

वर्ष 2015 में चेन्नई में इतनी बारिश हुई थी जितनी सौ साल में नहीं हुई थी और उस आपदा से 250 लोग मारे गए थे. भारी बारिश का कारण समझाते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अक्टूबर में वातावरण में कम दबाव के क्षेत्र निर्मित हुए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ और कम दबाव के क्षेत्र के कारण इस सप्ताह भारी बारिश हुई. तीन दशक तक दक्षिण पश्चिमी मॉनसून का अध्ययन करने वाले और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि मॉनसून ने इस बार बहुत देर से वापसी की.