साल 2027 तक चीन को पीछे छोड़ भारत आबादी के हिसाब से दुनिया का नंबर 1 देश बन जाएगा. संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 30 साल में दुनिया में आबादी 200 करोड़ बढ़ जाएगी. ये बढ़ती आबादी क्या हमारे लिए नए चैलेंज खड़े करेगी? इसका क्या असर पड़ेगा? क्या फैमिली प्‍लानिंग के लिए लोगों को जागरूक करने की मुहिम कमजोर पड़ रही है? क्या इस पर नियंत्रण के लिए किसी तरह की पॉलिसी जरूरी है? 'जी बिजनेस' के खास कार्यक्रम 'आपकी खबर आपका फायदा' में आज इसी मुद्दे पर चर्चा हुई. आइए जानते हैं क्या है UN की रिपोर्ट में?

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बढ़ती बेरोजगारी, कम होते संसाधन, मूलभूत सुविधाओं की कमी, बढ़ती भीड़, पीने के पानी की कमी-ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो दुनिया में लगभग हर देश को झेलनी पड़ रही हैं. हालांकि, भारत भी इससे अछूता नहीं है. इन जैसी समस्याओं के पीछे जिस 1 समस्या का सबसे बड़ा हाथ माना जाता है. वह है दुनिया में तेजी से बढ़ती आबादी. यूएन की ताजा रिपोर्ट भी इस समस्या की ओर इशारा करती है.

क्‍या कहती है रिपोर्ट

> 2050 तक पूरी दुनिया की आबादी में 200 करोड़ का इजाफा होगा 

> 2050 में दुनिया की आबादी 970 करोड़ यानि 9.7 अरब हो जाएगी

> सदी के अंत तक दुनिया की आबादी 1100 करोड़ यानि 11 अरब हो सकती है

> फिलहाल दुनिया की आबादी 770 करोड़ यानि 7.7 अरब के करीब है

2027 में भारत में सबसे ज्यादा आबादी

> 2027 में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत

> अभी भारत की आबादी 137 करोड़ के करीब है

> अभी चीन की आबादी करीब 143 करोड़ है

> 2050 तक भारत की आबादी 164 करोड़ पहुंच सकती है

दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश

चीन को पीछे छोड़ने के बाद भारत इस सदी के अंत तक दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश बना रह सकता है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक पूरी दुनिया की आबादी में सबसे ज्यादा इजाफा इन 9 देशों की वजह से होगा. 

1. भारत

2. नाइजीरिया

3. पाकिस्तान 

4. कॉन्गो

5. इथियोपिया

6. तंजानिया

7. इंडोनेशिया

8. मिस्र 

9. अमेरिका

उम्र भी बढ़ेगी

> 2050 तक हर 6 में से 1 व्यक्ति 65 साल के ऊपर की उम्र को होगा. 

> यानी दुनिया की 16 फीसदी आबादी बुजुर्ग होगी. 

> अभी 2019 में यह 11 फीसदी है

> यानी हर 9 में से 1 आदमी बुजुर्ग है 

चीन में घटी आबादी

यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 के बाद से चीन समेत 27 देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या में 1% या इससे भी अधिक की कमी आई है. 30 साल यानि 2050 तक 55 देशों में आबादी में 1 फीसदी या उससे अधिक की कमी आने का अनुमान है. 26 देशों की जनसंख्या में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है. जनसंख्या में कमी आने की वजह इन देशों से लोगों का नौकरी के लिए बाहर जाना, हिंसा और असुरक्षा को बताया जा रहा है. हालांकि ये देखा जा रहा है कि फर्टिलिटी रेट यानि 1 महिला के औसतन कितने बच्चे हैं, इस रेट में धीरे-धीरे कमी आ रही है.

क्‍या है फर्टिलिटी रेट

1990 में दुनिया की फर्टिलिटी दर 3.2 थी, जो 2019 में घटकर 2.5 हो गई. यह 2050 तक घटकर 2.2 हो जाएगी.

सदी के अंत तक 1100 करोड़ होगी आबादी

रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि दुनिया की आबादी मौजूदा सदी के अंत तक अपने शीर्ष पर पहुंच सकती है. इस शताब्दी के अंत तक पूरी दुनिया की आबादी 1100 करोड़ हो जाएगी. सदी के अंत तक भारत की आबादी 150 करोड़ हो जाएगी. जबकि, जनसंख्या को कंट्रोल करने की नीतियों के कारण चीन की आबादी 110 करोड़ पर रुक जाएगी. 

जनसंख्‍या नियंत्रण जरूरी

रिपोर्ट में जिन देशों में आबादी सबसे ज्यादा बढ़ रही है, उनमें एशियाई और अफ्रीकी देश आगे हैं. भारत के लिए चिंता की बड़ी बात है, क्योंकि देश को अगर आगे बढ़ना है तो आबादी को कंट्रोल करना होगा. नई पॉलिसी पर विचार करना होगा, क्योंकि शिक्षा हो या रोजगार या फिर स्वास्थ्य-लगभग हर मुद्दा बढ़ती आबादी से ही जुड़ा है.