Dr. Arvind Kumar on air pollution in delhi: दिवाली के बाद से राजधानी दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण को लेकर कई तरह की खबरें सामने आई. प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर हुई आतिशबाजी के चलते वायु प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली. दिल्ली और एनसीआर दिवाली से पहले भी प्रदूषण से बेहाल था, लेकिन इसके बाद तो यहां हवा का स्तर और खराब पाया गया. 

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आईसीएस-मेदांता के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने अब वायु प्रदूषण को लेकर अपनी बात कही है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई जरूरी बातों का जिक्र किया. अरविंद कुमार ने कहा कि लंग केयर फाउंडेशन के अध्ययन के मुताबिक दिल्ली पचास प्रतिशत से अधिक किशोर छाती के रोगों से ग्रसित हैं, 29% लोग अस्थमा के शिकार हैं, जबकि 40 प्रतिशत लोग मोटापे से ग्रसित हैं. उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण सबसे अधिक बच्चों पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है. 

स्मोक टावर लगाने से नहीं हो रहा फायदा

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्मोक टावर लगाया है. स्मोक टावर पर अरविंद कुमार ने कहा कि यह बस पैसों की बर्बादी है. इससे लोगों को किसी तरह का फायदा नहीं पहुंचने वाला है. यह किसी तरह से हवा स्वच्छ नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण ने कोरोना से अधिक लोगों की जान ली है. इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है. समय के साथ-साथ वायु प्रदूषण लोगों के लिए और खतरनाक बनता जा रहा है. 

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राजधानी की वायु गुणवत्ता हो रही खराब 

  

बता दें कि न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक  दिल्ली सरकार ने दिवाली के त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता खराब होने पर वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता, धूल के निस्तारण के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए 114 पानी के टैंकर तैनात किए. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरी झंडी दिखाकर इन टैंकरों को रवाना करते हुए इसे लोगों की मदद के लिये “आपातकालीन उपाय” करार दिया.