देश में सड़कों की क्वालिटी सुधारने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश में हाईवे के प्रदर्शन का आकलन और रैंकिंग करने का फैसला किया है. राष्ट्रीय राजमार्गों का ऑडिट करके उनकी रैंकिंग करने से उनकी क्वालिटी में सुधार होगा.  

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जानकारी के मुताबिक, हाईवे का वैल्यूएशन करने के लिए इंटरनेशनल पैरामीटरों का इस्तेमाल किया जाएगा. सड़कों के मूल्याकंन के लिए राजमार्गों को तीन हिस्सों में बांटा गया है. और राजमार्गों पर दी जा रही तीन सर्विस के आधार पर उनकी रैंक तय की जाएगी.

पहला पैरामीटर है राजमार्ग दक्षता. हाईवे एफिसेंसी (Highway Efficiency) के लिए 45 अंक रखे गए हैं. दूसरा पैमाना सुरक्षा का है. राजमार्ग सेफ्टी (Highway Safety) के लिए 35 अंक और फिर नंबर है यूजर्स सर्विस का. राजमार्ग को इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए क्या-क्या सर्विस मुहैया कराई जा रही हैं, इस आधार पर यूजर्स सर्विस (User Services) के लिए 20 अंक रखे गए हैं. 

इन तीन पैरामीटर पर राजमार्गों को मापा जाएगा और उसी आधार पर अंक देकर उनकी रैंकिंग तय की जाएगी. रैंकिंग में जगह बनाने के लिए राजमार्ग को तीनों ही कसौटियों पर खरा उतरना होगा. 

इन तीन पैरामीटर के अलावा हाईवे को कई और पैरामीटर जैसे- संचालन की गति, एक्सिस कंट्रोल, टोल प्लाजा पर लगने वाला समय, रोड साइन (road signages), सड़क के निशान (road markings), उस सड़क होने वाले एक्सीडेंट की दर, घटना की प्रतिक्रिया समय, क्रैश बैरियर (crash barriers), रोड पर रोशनी का इंतजाम, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, चौराहे, साफ-सफाई, सड़कों के किनारे पेड़-पौधे जैसी तमाम बातों को भी रैंकिंग में शामिल किया जाएगा. ग्राहकों की संतुष्टि इस मामले से अहम होगी.

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NHAI के मुताबिक, हर एक पैरामीटर हरएक कॉरिडोर को खुद को और बेहतर बनाने के लिहाज से काम करेगा. हाईवे की रैंकिंग से लोगों को और ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा और सुविधाएं मिलेंगी. 

हाईवे की रैंकिंग से सड़क निर्माण से जुड़ी कंपनियां, ठेकेदार और उनके ऑपरेटर्स को भी अपनी सर्विस सुधारने का मौका मिलेगा. 

 सभी गलियारों की रैंकिंग के अलावा बीओटी (BOT), एचएएम (HAM) और ईपीसी परियोजनाओं (EPC projects) के लिए अलग-अलग रैंकिंग भी की जाएगी.

(रिपोर्ट- चेतन/नई दिल्ली)