Chardham Yatra latest News: चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की होने वाली मौत की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. चारधाम यात्रा के शुरुआती महीने में ही 78 श्रद्धालुओं की मौत होने से अधिकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ दोनों की चिंताएं बढ़ गई है. वहीं चारों धामों में यात्रियों का आंकड़ा दस लाख से पार पहुंच गया है जो प्रशासन के लिए एक अलग चुनौती बन रहा है. 

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हर साल चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत होती रही है. लेकिन इस साल यह आंकड़ा काफी अधिक है, जिसने अधिकारियों की चिंताएं बढ़ा दी है. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, के रास्ते में ह्रदय संबंधी समस्याओं के कारण लोगों की मौत हो रही है. हर दिन के साथ मृतकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

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मई महीने में शुरू हुई है केदारनाथ यात्रा

इस साल अक्षय तृतीया पर तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी जबकि केदारनाथ के कपाट छह मई को और बदरीनाथ के कपाट आठ मई को खुले थे. लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र की जटिल जलवायु के कारण चारधाम यात्रा के दौरान जा गंवाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. 

केदारनाथ में हुई है सबसे अधिक मौत

पिछले सालों के आंकडों से स्पष्ट है कि वर्ष 2019 में 90 से ज्यादा, 2018 में 102, 2017 में 112 चारधाम तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी. गौरतलब है कि ये आंकडे अप्रैल-मई में यात्रा शुरू होने से लेकर अक्टूबर-नवंबर में उसके बंद होने तक यानी छह माह की अवधि के हैं. चारधामों में से केदारनाथ में अब तक सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गयी हैं जहां 41 तीर्थयात्रियों की जान चली गई है.

इस वजह से हो रही है श्रद्धालुओं की मृत्यु

केदारनाथ में निशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रही सिग्मा हेल्थकेयर के प्रमुख प्रदीप भारद्वाज ने श्रद्धालुओं की मौत में बढोत्तरी के कई कारण बताए जिनमें तीर्थयात्रियों के लिए जलवायु के अनुकूल ढलने की प्रक्रिया की कमी, ज्यादातर लोगों की कोविड के कारण क्षीण शरीर प्रतिरोधक क्षमता, उच्च हिमालयी क्षेत्र में अनिश्चित मौसम और तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए अपर्याप्त इंतजाम शामिल हैं.