सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों प्राइवेट अस्पताल में इलाज की कीमत को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. उच्चतम न्यायालय के प्राइवेट हॉस्पिटल के ऑर्डर के बाद स्वास्थय मंत्रालय ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक मे हेल्थ सचिव, बैकिंग सचिव, IRDAI के अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में प्राइवेट अस्पताल में इलाज की कीमतों को कैसे कम किया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा मिलना उनका मौलिक अधिकार है, केंद्र सरकार इससे बच नहीं सकती है. 

ऑस्ट्रेलिया के प्राइस मॉडल की भी होगी समीक्षा, राज्य सरकारों को कई बार लिखी चिट्ठी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूत्रों के मुताबिक बैठक में  प्राइवेट हॉस्पिटल में कीमतें कम रहे इस पर विचार किया जाएगा. बैठक में ऑस्ट्रेलिया के प्राइस मॉडल की भी  समीक्षा होगी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था कि प्राइवेट अस्पताल में इलाज की कीमत को लेकर राज्यों को कई बार चिट्ठी लिखी गई थी. हालांकि, इसका जवाब नहीं मिला था. सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को एक महीने में राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने और मानक दर अधिसूचित करने के लिए कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी, CGHS दरों को किया जाए लागू

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि यदि सरकार इस मामले में हल नहीं खोज पा रही है तो वह याचिकाकर्ती की सेंट्रल गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) द्वारा निर्धारित मानक दरों को लागू करने की याचिका पर गौर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए हाल ही में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि यदि वह क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) के तहत अस्पताल दरों के लिए प्रस्ताव नहीं लाती है तो वह अंतरिम उपाय के रूप में सीजीएचएस दरों को लागू करेगी.

आपको बता दें कि वेटरन्स फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ ने वकील जुबैर खान के जरिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (केंद्र सरकार) नियम, 2012' के नियम 9 के तहत मरीजों से ली जाने वाली फीस को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है.