उत्तराखंड में होने वाला हरिद्वार महाकुंभ 2021 (Haridwar Mahakumbh 2021) डेढ़ महीने बाद शुरू होने जा रहा है. इस बार यह मेला पारंपरिक 12 साल के बजाय 11 साल के बाद हो रहा है. यदि आप इस मेले में स्नान करने के लिए हरिद्वार जाने की सोच रहे हैं तो आपको हरिद्वार महाकुंभ मेला प्रशासन की गाइडलाइंस के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है.

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आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल (Sanjay Gunjyal) ने इसके लिए बड़ी कार्ययोजना तैयार की है. Guidelines के अनुसार Haridwar Mahakumbh 2021 में आने वाले किसी व्यक्ति में यदि कोरोना के लक्षण मिले तो उसे मेला क्षेत्र में एंट्री नहीं मिलेगी. उसे या तो वापस लौटा दिया जाएगा या फिर इलाज के लिए कोविड सेंटर रेफर कर दिया जाएगा.

लाना होगा कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट (Bring corona negative certificate)

उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक यदि कोई श्रद्धालु मेला स्थल पर रात में रुकना चाहेंगे तो कोविड टेस्ट में निगेटिव होने के बाद ही ऐसा कर सकेंगे. उन्हें बिना टेस्ट कराए मेला स्थल पर रुकने की इजाजत नहीं मिलेगी. कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने महाकुंभ मेले (Haridwar Mahakumbh 2021) में 10 साल से छोटे बच्चों और बुजुर्गों से नहीं आने की अपील की है.

‘एक स्नान, तीन डुबकी’ फार्मूला ('One bath, three dip' formula)

पुलिस-प्रशासन की योजना के मुताबिक श्रद्धालुओं को हरिद्वार महाकुंभ 2021 में लोगों को ‘एक स्नान, तीन डुबकी’ फार्मूले पर अमल करना होगा. जिसमें पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं से तीन डुबकी लगाने के बाद बाहर आने की अपील करते नजर आएंगे. मेले में आने वाले लोगों को ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. महाकुंभ के दौरान सभी लोगों को मास्क पहनना होगा. ऐसा न करने पर उन पर जुर्माना लग सकता है. 

महाकुंभ 2021 में 4 शाही स्नान (4 royal Shahi Snan in Mahakumbh 2021)

करीब साढ़े तीन महीने तक चलने वाला महाकुंभ कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल सिर्फ डेढ़ महीने का होगा. इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च को शिवरात्रि पर होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर, तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा पर होगा. 

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला (World's largest religious fair)

बता दें कि हर 12 साल पर लगने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला होता है. यह बारी-बारी से 12वें वर्ष में हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में लगता है. लेकिन इस साल हरिद्वार का महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) 11 साल पर ही हो रहा है. कहते हैं कि ग्रहों के राजा बृहस्पति कुंभ राशि में हर बारह वर्ष बाद प्रवेश करते हैं. प्रवेश की गति में हर बारह वर्ष में अंतर आता है. यह अंतर बढ़ते बढ़ते सात कुंभ बीत जाने पर एक वर्ष कम हो जाता है. इस वजह से आठवां कुंभ ग्यारहवें वर्ष में पड़ता है. 

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