Haridwar Kumbh 2021: कुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने कहा है कि पूरे मेला क्षेत्र को स्वच्छ रखने के दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों, साधु-संतों और अखाड़ों से बातचीत हुई है, जिसे लेकर शासन-प्रशासन पूरा सहयोग करेगा. हरिद्वार में महाशिवरात्रि और सोमवती अमावस्या पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए.

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बेरोकटोक आएं पर गाइडलाइन का पालन जरूरी (follow the guideline on arrival)

हरिद्वार कुंभ मेला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के मुताबिक हरिद्वार कुंभ में सभी लोग बिना रोकटोक के बड़ी संख्या में आएं, पर भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन जरूरी है. आगामी स्नानों में राज्य सरकार साधु-संतों का और भव्य-दिव्य अभिनंदन करने की तैयारी में है. महाशिवरात्रि पर शाही स्नान के दौरान भी साधु-संतों के अभिनंदन के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई गई.

भव्य कुंभ की पूरी तैयारी (Complete preparation for the grand Kumbh)

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, दिव्य और भव्य कुंभ बनाने के लिए हमारी तैयारी पूरी है. जनता आए और पूरी तरह गंगा स्नान करके जाए. इतना जरूर है कि कुंभ के लिये भारत सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करें, बाकी अनावश्यक रोकटोक या सख्ती नहीं रहेगी.

1 से 30 अप्रैल तक कुंभ मेला (Kumbh Mela 1st to 30th April)

इस बार कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा. पहले हरिद्वार में आयोजित कुंभ चार महीने का होता रहा है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी कुंभ मेले के संबंध में SOP यानि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी कर चुका है. कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस एसओपी का पालन करना होगा. गौरतलब है कि हरिद्वार में इस बार कुंभ 12 साल की बजाए 11 साल के बाद हो रहा है. वैसे कुंभ 12 साल बाद होता है.    

बीते दूसरे कुंभ से होगा काफी अलग (Will be different from past Kumbh)

कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला यह कुंभ मेला (Kumbh Mela) बीते दूसरे कुंभ मेलों से काफी अलग होगा. इस बार कुंभ में किसी भी जगह पर संगठित रूप से भजन और भण्डारे के की मनाही रहेगी. उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण (Corona Virus) को रोकने के लिए यह नए नियम जारी किए हैं.