कोरोना संक्रमण (COVID-19 Outbreak) के चलते दुनिया की हर गतिविधि पर असर पड़ा है. आर्थिक से लेकर, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों प्रभावित हुई हैं. कोरोना के चलते हज़ यात्रा (Haj 2020) पर भी असर पड़ा है.

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सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने ऐलान कर दिया है कि इस साल बहुत कम संख्‍या में मुस्लिमों को हज करने की अनुमति दी जाएगी. केवल सऊदी अरब में रह रहे लोगों को हज यात्रा (Haj pilgrims) की इजाजत दी जाएगी. बाहर के किसी मुल्क के लोगों को हज के लिए मंजूरी नहीं दी जाएगी. हज यात्रा जुलाई से शुरू होने जा रही है. आमतौर पर दुनियाभर से हर साल हज यात्रा पर 20 लाख लोग शामिल होते हैं.

सऊदी अरब के इस ऐलान के बाद भारत सरकार ने भी भारत सरकार ने रजिस्टर्ड हज यात्रियों का पैसा लौटाने का फैसला किया है. 

भारत सरकार वापस करेगी पैसा

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा, 'हमने फैसला किया है कि इस साल भारत से यात्रियों को हज यात्रा पर सऊदी अरब नहीं भेजा जाएगा. अब तक 2.30 लाख से ज्यादा भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है. इन सभी का पैसा बिना किसी कटौती के उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

 

पहली बार रुकी हज यात्रा

सऊदी अरब के हज मंत्रालय के मुताबिक, 1932 में किंगडम की स्थापना के बाद से पहली बार हज का सीजन रद्द करने पर सऊदी अरब के अधिकारी विचार किया गया. इससे पहले मार्च में सऊदी अरब ने दुनियाभर के देशों से कहा कि वे अपनी हज यात्रा की प्लानिंग कैंसिल कर दें. 

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सऊदी सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते बहुत कम लोगों हज यात्रा कराने का फैसला लिया गया है. केवल सऊदी अरब में रह रहे दुनियाभर के लोगों को ही इस साल हज यात्रा की अनुमति दी जाएगी.