उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 'औद्योगिक प्रदेश' बनाने का अभियान शुरू हो गया है. और इस क्रम में ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब (Logistics hub) के रूप में स्थापित किया जाएगा. 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश का अच्छा माहौल तैयार करने के लिए शुरू से ही प्रयास कर रही है. तीन सालों में बहुत कुछ बदला है. और अभी भी बदलाव की यह प्रक्रिया जारी है.

हाई लेवल प्राधिकृत समिति (उद्योग बंधु-Udyog bandhu) की बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश को 'औद्योगिक प्रदेश' के रूप में विकसित करने का खाका पेश किया. बैठक में फिक्की, एसोचैम, सीआईआई, लघु उद्योग भारती और आईआईए जैसे उद्योग संगठनों के प्रमुखों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने 'उत्तर प्रदेश को निवेश के अनुकूल प्रदेश’ बनाने के लिए उठाये गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, कपड़ा उद्योग, टूरिज्म और फिल्म सेक्टर में निवेश के अवसरों के साथ सौर ऊर्जा, जैव ईंधन और नागरिक उड्डयन में मौजूद असीम सम्भावनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकसित की जा रही ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ एक बड़ी परियोजना है. इससे 'मेक इन इंडिया डिफेंस' के लिए राज्य में मौजूद विशाल एमएसएमई आधार को लाभ मिलेगा. डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है. नए निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश में 20,000 एकड़ का एक ‘भूमि बैंक’ तैयार है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर-आईटी आधारित स्टार्ट-अप्स को भी प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप नीति के दायरे का विस्तार करते हुए यूपी स्टार्ट-अप नीति-2020 और यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफक्चरिंग नीति-2020 जैसी नई नीतियों की घोषणा भी की गई है.