कोरोना संकट (COVID19 Pandemic) में सरकार की तरफ से सख्‍त आदेश जारी हुआ है. इसके तहत कोरोना संकट में दवा, ऑक्‍सीजन जैसे जरूरी सामानों की काला बाजारी, जमाखोरी और ओवरचार्जिंग करने वालों पर सख्‍त एक्‍शन होगा. ऐसे लोगों के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज होगा. एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने अपने सभी रीजनल हेड्स को लिखा है कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग कानून के तहत मामला दर्ज करें. कोरोना महामारी के इस समय में ऐसे सख्‍त आदेश से आम जनता और कोरोना का इलाज करा रहे लोगों को राहत मिलेगी.

कोरोना में लूट पर मनी लॉन्डरिंग का केस

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एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रट ने अपने रिजनल अधिकारिकों को निर्देश दिया है कि मुनाफाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटखोरी पर केस दर्ज किया जाए. निर्देश में साफ तौर कहा गया है कि लोकल FIR के आधार पर PMLA के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा. इसके अलावा, रीजनल ED ऑफिस को 30 जून तक मुख्‍यालय को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. 

किस तरह के मामलों पर ED करेगी केस 

कोरोना संकट में मनी लॉन्डरिंग के तहत केस दर्ज करने वालों को लेकर स्‍पष्‍ट निर्देश हैं कि किन लोगों के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की जाए. निर्देश के मुताबिक, अगर अस्पतालों की ओर से बेड का मनमाना रेट वसूला जाता है यानी ओवरचार्जिंग की जाती है तो उसके खिलाफ ईडी केस दर्ज कर सकता है.

इसके अलावा, रेमडेसिविर की जमाखोरी करने, ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी और कालाबाजारी, एंबुलेंस के लिए भारी भरकम पैसा वसूलने, दवाओं की जमाखोरी, कालाबाजारी, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवा के नाम पर साइबर फ्रॉड और बिना टेस्ट किए ही कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट देने वालों के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग कानून की धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा. 

 

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