Onion Buffer Stock: प्याज की कीमतों में किसी भी तेज उछाल को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने उन राज्यों में प्याज के बफर स्टॉक (Onion Buffer Stock) को उतारना शुरु कर दिया है, जहां पिछले महीनों में प्याज की कीमतों में जेती देखी गई है. 

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन बाजारों में आपूर्ति बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में प्याज की लासलगांव और पिंपलगांव थोक मंडियों में भी बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है.

21 रुपये प्रति किलों के दर पर दिया स्टॉक

मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को 21 रुपये प्रति किलोग्राम स्टोरेज लोकेशन पर प्याज की पेशकश की गई है. वहीं मदर डेयरी के सफल आउटलेट्स को भी ट्रासपोर्टेशन के लागत के साथ 26 रुपये प्रति किलोग्राम प्याज की सप्लाई की गई है.

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मंत्रालय ने बताया कि प्याज के बफर स्टॉक की सप्लाई से प्याज की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलती है.

धीरे-धीरे बढ़ रहे प्याज के दाम

मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में प्याज की रिलेट कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. दिल्ली और चेन्नई में प्याज की कीमत 37 रुपये प्रति किलो थी, जबकि मुंबई में यह 39 रुपये प्रति किलो और कोलकाता में 43 रुपये प्रति किलो थी.

स्थिर है प्याज की फसल

प्याज की खरीफ की बाद की फसल की आवक स्थिर है और मार्च, 2022 से रबी (सर्दियों) के आने तक रहने की उम्मीद है. 17 फरवरी तक, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत पिछले साल की तुलना में 22.36 प्रतिशत कम थी.

आलू के दाम में आई कमी

इसी तरह, आलू का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 17 फरवरी को 6.96 प्रतिशत कम 20.58 रुपये प्रति किलोग्राम था.

मंत्रालय ने कहा, "पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में चक्रवात जवाद के कारण आलू की बुवाई में देरी हुई है, हालांकि, राज्य ने बताया कि फसल क्षेत्र पिछले साल के स्तर पर लगभग ठीक हो गया है." इसमें कहा गया है कि 2021-22 के लिए कुल फसल क्षेत्र पिछले साल के बराबर होने का अनुमान है.

टमाटर का क्या हाल है

टमाटर के मामले में, पिछले एक महीने के दौरान कीमतों में गिरावट आई है, हालांकि यह पिछले साल के स्तर से थोड़ा ऊपर रहा है. 1 फरवरी तक टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 26.69 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो पिछले महीने की तुलना में कम है.

जैसे-जैसे उत्तर भारत में आवक में तेजी आएगी, आने वाले सप्ताह में टमाटर की कीमतों में और गिरावट आएगी. दक्षिण भारत में आगमन भी आने वाले सप्ताह में बढ़ेगा और फरवरी के अंत तक गति पकड़ लेगा.