सरकार अब उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh), मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्‍थान (Rajasthan) को आपस में जोड़ने के लिए एक्‍सप्रेस वे (Express way) बनाने जा रही है. इससे तीनों राज्‍यों के किसानों को इससे सबसे ज्‍यादा फायदा होगा.

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक 8,250 करोड़ रुपये का चंबल एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों के गरीबों और आदिवासियों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है. 

गडकरी ने शनिवार को इन राज्यों से कहा कि वे इस प्रोजेक्‍ट के लिए भूमि अधिग्रहण (Land acquisition), पर्यावरण मंजूरी और टैक्‍स राहत के काम में तेजी लाएं. यह परियोजना Golden Quadrilateral-दिल्ली-कोलकाता (Delhi-kolkata) गलियारे, उत्तर-दक्षिण (North-South) गलियारे, पूर्व-पश्चिम (East-West) गलियारे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi mumbai expressway) से जोड़ेगी. 

गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेसवे दूरदराज के आदिवासियों और गरीबों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है. खासकर चंबल क्षेत्र के लिए जो देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में आता है. 

गडकरी के मुताबिक तीनों राज्यों के किसानों को इससे सबसे अधिक फायदा होगा. वे अपने उत्पाद दिल्ली और मुंबई के बाजारों में आसानी से भेज सकेंगे. इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे मुरैना के सहरिया, श्योपुर और अन्य क्षेत्रों के आदिवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होगी. 

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मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे राज्यों और केंद्र के बीच संयुक्त रूप से बुनियादी ढांचे के विकास का नया मॉडल होगा. करीब 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे कानपुर से कोटा तक मध्य प्रदेश के रास्ते वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगा और उसके बाद यह दिल्ली-मुंबई गलियारे से जुड़ेगा. 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ परियोजना की समीक्षा करते हुए गडकरी ने प्रोजेक्‍ट के लिए भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) और पर्यावरण मंजूरी, रॉयल्टी और स्थानीय टैक्‍स की छूट की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया, ताकि इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.