वर्ष 2018 देश में आजादी के बाद गंगा में पहले मालवाहक पोत के परिचालन का साक्षी बना. इस परियोजना का शुरू में मजाक उड़ाया गया और इसके ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ तक कहा गया. चार साल की कड़ी मेहनत के बाद यह हकीकत बन चुकी है. 

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पोत-परिवहन, गंगा पुनर्जीवन, जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस साल गंगा में 80 लाख टन माल की आवाजाही हुई जिसके अगले साल बढ़कर 280 लाख टन किए जाने का लक्ष्य है.

पहला अंतर्देशीय जलमार्ग पत्तन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नवंबर में 16 ट्रकों के बराबर का माल लेकर एक मालवाहक पोत वाराणसी के तट पर बने देश के पहले अंतर्देशीय जलमार्ग पत्तन पर पहुंचा. आजादी के बाद यह इस क्षेत्र में अपने किस्म की पहली उपलब्धि है.

देश में कुल 20,276 किलोमीटर के 111 जलमार्गों को विकसित किया जा रहा है. हल्दिया से वाराणसी का यह 1,390 किलोमीटर का जलमार्ग इन्हीं में से एक है.

गडकरी ने कहा, ‘शुरुआत में जब मैं देश में जलमार्गों को विकसित करने की बात करता था तो लोग मेरा मजाक बनाते थे. कुछ के लिए यह ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ थे. लेकिन सपने सच हुए, और अब वही लोग मुझे बधाई देते हैं. मैं हमेशा कहता हूं कि मैं कोरी बातों वाला आदमी नहीं हूं बल्कि मैं वह व्यक्ति हूं जो सपनों को हकीकत में बदलने की प्रतिबद्धता रखता है और जिसका दिखाए जाने वाले सपनों को वास्तविकता में बदलने का रिकॉर्ड रहा है.’ 

उन्होंने कहा कि वह इस पूरे क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाना चाहते हैं और गंगा पर बहुत सारा काम और अन्य परियोजनाएं चल रही हैं. कुल 111 नदियों को जलमार्ग में बदलने की योजना है.

हाइब्रिड वाहन चलाने की तैयारी

इतना ही नहीं, इसके अलावा सरकार नए तरह के हाइब्रिड वाहनों को चलाने की संभावनाएं भी तलाश रही है. इसमें एरोबोट्स शामिल हैं जो भूमि, जल और वायुमार्ग पर चलने में सक्षम हैं और 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार पर चल सकती हैं. गडकरी ने कहा कि कुछ प्रमुख रूसी कंपनियां कुंभ मेले के दौरान इस तरह की एरोबोट का परिचालन कर सकती हैं. वहीं 26 जनवरी से हम वाराणसी और प्रयागराज एवं दिल्ली से आगरा के बीच एक पायलट परियोजना शुरू कर सकते हैं.

एल्यूमीनियम बोट चलाने की योजना

इस तरह के वाहन बनाने वाली जिन रूसी कंपनियों ने मंत्रालय के समक्ष अपनी पेशकश रखी है. उनके वाहन मात्र 10 सेंटीमीटर की गहराई वाले पानी, बर्फ और जमीन पर चलने में सक्षम हैं. इन्हें पेट्रोल, बिजली और मेथनॉल से चलाया जा सकता है और इनकी गति भी 170 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है. इस तरह के वाहन एल्यूमीनियम के बने हैं और 11 लोगों की क्षमता वाली ऐसी नौकाओं को 15 मिनट में असेंबल किया जा सकता है.

गडकरी ने निराशा जतायी कि समुद्र में उतरने में सक्षम विमानों के लिए नियम तय किए जाने के बावजूद इस क्षेत्र में हाथ आजमाने लोग आगे नहीं आए. हो सकता है कि उन्हें इसके व्यवहारिक होने को लेकर आशंका हो लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह क्षेत्र भारत में तेजी से बढ़ेगा.

गंगा के बारे में गडकरी ने कहा कि नदी की सफाई का 70 से 80 प्रतिशत काम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा जबकि पूरी गंगा मार्च 2020 तक साफ हो जाएगी. उन्होंने कहा कि नदी के प्रवाह को सालभर बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.

(भाषा से)