Medical Equipments: नेशनल फार्मेसी प्राइसिंग अथॉरिटी ने 5 मेडिकल उपकरणों पर ट्रेड मार्जिन कैपिंग की समयसीमा को बढ़ा दिया है. बता दें कि नेशनल फार्मेसी प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 5 जरूरी मेडिकल उपकरणों पर ट्रेड मार्जिन कैपिंग की सीमा को बढ़ा दिया है और अब से समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 तक कर दी गई है. बता दें कि ये पहले ये डेडलाइन 31 जुलाई 2022 तक ही थी लेकिन सरकार ने इस डेडलाइन को अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 तक कर दिया है. जिन 5 मेडिकल उपकरणों पर सरकार ने ट्रेड मार्जिन कैपिंग को बढ़ाने का फैसला किया है, उनमें पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter), ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (Blood Pressure Monitoring Machine), नेबुलाइजर (Nebulizer), डिजिटल थर्मोमीटर (Digital Thermometer) और ग्लूकोमीटर ( Glucometer) शामिल हैं. 

महंगी दवाओं से मिलेगी राहत

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महंगी दवाओं और महंगे इलाज से आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. दवाओं के मार्जिन को तर्कसंगत बनाने को लेकर सरकार और फार्मा इंडस्ट्री की बड़ी बैठक हुई थी. बैठक में दवा कंपनियां जरूरी दवाओं पर मार्जिन कैपिंग लागू करने के सरकार के प्रस्ताव पर सहमत हो गई थीं. बता दें कि चरणबद्ध तरीके से जरूरी दवाओं पर मार्जिन कैपिंग लागू होगी. 

दवाओं के मार्जिन पर होगा जोर

बता दें कि बैठक में दवाओं के मार्जिन पर सरकार दवा कंपनियों के साथ बातचीत की गई. इस बैठक का लक्ष्य दवाई की कीमतों को रेगुलेट करना है और लोगों को महंगी दवा से निजात दिलाना है. बता दें कि सरकार महंगी दवाओं को सस्ता करने पर फोकस कर रही है. चरणबद्ध तरीके से दवाओं के ट्रेड मार्जिन पर नियंत्रण लगाया जाएगा. इसके अलावा पहले चरण में हृदय रोग और शुगर की दवाओं पर फैसला हो सकता है. हार्ट, किडनी, कैंसर, शुगर, टीबी और अन्य जीवन रक्षक दवाओं के मार्जिन पर कंट्रोल किया जा सकता है.