नोएडा में 14 साल बाद स्पोर्ट्स सिटी के करीब 35 हजार निवेशकों को राहत मिल सकती है. ये सिटी पांच सेक्टरों को मिलाकर बसाई जा रही है. इसके लिए एक सलाहकार कंपनी स्काइलाइन आर्किटेक्ट नियुक्त किया गया है. प्राधिकरण ने कंपनी के बिल्डरों को आवंटित की गई जमीन के नक्शे पास कर संबंधित कागजात उपलब्ध करा दिए हैं. कंपनी सेक्टर वार स्पोर्ट्स सिटी को डेवलप करने लिए एक प्लान तैयार कर रही है. 

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प्राधिकरण ने साल 2008-09 से 2012-13 के बीच सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में स्पोर्ट्स सिटी के तहत बिल्डरों को भूखंड आवंटित किए थे. ये करीब 300 हेक्टेयर जमीन है. संबंधित भूखंड पर बिल्डर को 70 फीसदी हिस्से में खेल सुविधाएं, 28 फीसदी में ग्रुप हाउसिंग और 2 फीसदी हिस्से में व्‍यावसायिक गतिविधियों का इस्‍तेमाल करना था. लेकिन उन्होंने करीब 30 फीसदी हिस्से में आवासीय संपत्ति को बना कर बेचना शुरू कर दिया.

बिल्‍डरों ने की गड़बड़!

बिल्डरों ने खेल सुविधाएं विकसित करने के बजाय प्राथमिकता पर फ्लैट बनाकर बेच दिए जबकि खेल सुविधाएं विकसित नहीं की. इसके बाद प्राधिकरण का करीब 8200 करोड़ रुपये बकाया भी नहीं दिया. यहां करीब 15 हजार लोग रह रहे हैं लेकिन इनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं हो सकी है. सभी पांच सेक्टर में नोएडा प्राधिकरण ने मुख्य रूप से चार बिल्डर को जमीन आवंटित की थी.

इन बिल्डर में थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स को सेक्टर-78, 79 और 101 में, सेक्टर-150 के भूखंड संख्या-1 के लिए लॉजिक्स इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड डेवलपर्स को, भूखंड संख्या-2 के लिए थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स लिमिटेड और सेक्टर-152 में एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड को जमीन आवंटित की गई थी. सस्ते रेट पर प्राधिकरण से जमीन लेकर संबंधित बिल्डर ने मुनाफा कमाने के लिए अन्य छोटे बिल्डरों को छोटे-छोटे भूखंड बेच दिए. ऐसे में संबंधित सेक्टर में 4 भूखंड के 79 उप भूखंडों में बेच दिया. 

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