Gambia cough syrup cse: मेडन फार्मास्युटिक्लस के बने कफ सिरप पीने से गैम्बिया में 66 बच्चों की मौत के मामले में केंद्र सरकार की तरफ से जांच जारी है. इस बीच राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने भी अपनी तरफ से बाजार में बिक रहे और उनके राज्यों में बन रहे कफ सिरप की जांच तेज कर दी है. इस घटना के सामने आने के बाद भारतीय बाजार में बिक रहे सभी कफ सिरप की जांच की जा रही है. राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने जांच के लिए सैंपल जुटाए हैं. कई राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने जी बिजनेस को सैंपल कलेक्शन की पुष्टि की है.

DEL और EL की मात्रा की जांच की जा रही है

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिपोर्ट के मुताबिक, रेगुलेटर की तरफ से दवा कंपनियों को भी तलब की जा रही है. जांच में जोर इस बात पर है कि कफ सिरप में DEL और EL तो नहीं है. अभी तक की जांच के मुताबिक, गैम्बिया में बच्चों की मौत का कारण  डाइइथाइलिन ग्लाइकॉल, इथाइलिन ग्लाइकॉल जैसे खतरनाक केमिकल्स हैं. 

लागत घटाने के लिए मिक्स किया जाता है

दरअसल कफ सिरप में प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल बतौर सॉल्वेंट इस्तेमाल किया जाता है. कई बार लागत घटाने के लिए DEL, EL का भी मिक्स किया जाता है. गैम्बिया में बच्चों की मौत के मामले में इसकी मात्रा बढ़ने का हवाला दिया जा रहा है. जांच के दायरे में अभी केवल बच्चों के कफ सिरप ही नहीं है. आम कफ सिरप की भी जांच की जा रही है और सैंपलिंग में केमिकल्स की मात्रा की जांच की जा रही है. 

इस सीजन में कफ सिरप की ज्यादा डिमांड

यह सीजन सर्दी और बुखार का है. आमतौर पर इस सीजन के साथ मार्केट में सप्लाई बढ़ जाती है, क्योंकि कफ सिरप की मांग में भी तेजी आती है. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय और हरियाणा ड्रग कंट्रोलर ने पहले ही सैंपल जुटाए हैं.