सरकार समाज के सबसे निचले तपके तक सरकारी योजनाओं के लाभ को पहुंचाने की हर संभव कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सरकारी बैंकों के मुख्य अधिकारियों की एक मीटिंग होने वाली है. यह मीटिंग इसी महीने के आखिर में होगी. इस मीटिंग का फोकस शेड्यूल कास्ट (SC) को सरकारी स्कीम का लाभ मिल रहा है या नहीं इस पर होगी. दरअसल, सरकार ने पिछले कुछ सालों में शेड्यूल कास्ट के उत्थान के लिए कई स्कीम लॉन्च किए, जिसमें स्टैंड-अप इंडिया (Stand-Up India), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana), क्रेडिट इनहैंसमेंट गारंटी स्कीम (Credit Enhancement Guarantee Scheme) जैसी स्कीम शामिल हैं.

लाभार्थियों तक स्कीम की पहुंच पर होगी मीटिंग

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महीने के आखिर में होने वाली इस मीटिंग में स्कीम से शेड्यूल कास्ट समुदाय तक पहुंचने वाले लाभ पर चर्चा होगी. इसमें सरकारी बैंक और वित्तीय संस्थानों से समुदाय को लेकर मिलने वाले कर्ज और अन्य लाभ शामिल हैं. इस मीटिंग की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. वित्त मंत्री के साथ मीटिंग में नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट के चेयरमैन, फाइनेंशियल सर्विस सेक्रेटरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद होंगे. 

स्टैंड-अप स्कीम से SC/ST समुदाय का उत्थान

स्टैंड-अप इंडिया स्कीम को 2016 में लॉन्च किया गया था. इस स्कीम के जरिए शेड्यूल कास्ट/शेड्यूल ट्राइब और महिलाओं को बैंक से कर्ज दिया जाता है. बैंकों से मिलने वाली रकम 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक होती है. स्कीम के जरिए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में SC/ST और महिला आंत्रप्रेन्योर को बढ़ाया दिया जाता है. इस स्कीम में बैंक के हर ब्रांच से किसी एक SC/ST या एक महिला कर्जदार को 10 लाख से एक करोड़ रुपए कर्ज दिया जाता है. 2019-20 में स्टैंड-अप इंडिया स्कीम को  2020-25 की अवधि के साथ 15वें वित्त आयोग की पूरी अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था. 

सरकारी स्कीम से मिलेगी मदद

स्टैंड-अप इंडिया स्कीम को सभी शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों पर लागू कर दिया गया था, जिससे उम्मीद कि जा रही थी कि स्कीम से करीब  2.5 लाख कर्जदारों को फायदा मिलेगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिर 22 जुलाई 2022 तक SC/ST और महिला आंत्रप्रेन्योर को कुल 144223 लोन जारी किए गए.  वहीं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मैन्युफैक्चरिंग ट्रेडिंग, सर्विस और खेती से जुड़े अन्य कार्यों से इनकम बढ़ाने के लिए मेंबर लेंडिंग इस्टीट्यूशनल (MLI) द्वारा 10 लाख रुपए तक कोलेटरल-फ्री इंस्टीट्यूशनल कर्ज दिया गया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक स्कीम शुरू होने से 1 जुलाई 2022 तक 19.61 लाख करोड़ रुपए के 35.88 करोड़ लोन बांटे गए.