Finance Minister launches NMP: वित्त मंत्री मिर्मला सीतारमण ने सोमवार को 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline) की घोषणा की. इस योजना में बिजली से लेकर सड़क और रेलवे के क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर  संपत्तियों को मोनेटाइज किया जाएगा. 

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जमीन नहीं बेचेगी सरकार

योजना के लॉन्च पर वित्त मंत्री ने कहा कि एसेट मोनेटाइजेशन (Asset Monetisation) में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है, यह सिर्फ ब्राउनफील्ड संपत्तियों (Brownfield Assets) को मोनेटाइज करने से संबंधित है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में शामिल सेक्टर उनसे संबंधित रोड, रेलवे और पावर आदि की पहचान कर ली गई है. 

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6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान

वित्त मंत्री सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बताया कि NMP के जरिए वित्त वर्ष 2022 से लेकर वित्त वर्ष 2025 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की संपत्तियों के माध्यम से कुल 6 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इन संपत्तियों का मालिकाना हक सरकार के पास ही होगा और तय सीमा के बाद इन्हें वापस सरकार को लौटाना होगा. इस परियोजना से संपत्तियों के वैल्यू अनलॉकिंग को बढ़ावा मिलेगा.

अंडर यूटिलाइज्ड संपत्तियों को किया जा रहा मोनेटाइज

वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन पूरी तरह से ब्राउनफील्ड संपत्तियों (Brownfield Assets) को मोनेटाइज करने से संबंधित है. इन क्षेत्रों में निवेश पहले से किया जा चुका है और निवेश या तो सुस्त है या पूरी तरह से मोनेटाइज नहीं है या फिर अंडर यूटिलाइज्ड है.

 

प्राइवेट भागीदारी लाकर हम इसे (Brownfield Assets) और भी बेहतर तरीके से मोनेटाइज करने लायक बना रहे हैं और इस मोनेटाइजेशन के माध्यम से आप जो भी रिसोर्सेज को प्राप्त करेंगे, उसे आप इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने में और इन्वेस्ट करने में इस्तेमाल कर पाएंगे.

नीति आयोग ने तैयार किया है पाइपलाइन

केंद्रीय बजट 2021-22 (Union Budget) में पेश किया गया 'एसेट मोनेटाइजेशन' के लिए जनादेश बनाकर और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मंत्रालयों के परामर्श के बाद नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) बनाया गया है. जिसमें चार साल की अवधि के लिए केंद्र सरकार की मुख्य संपत्ति के माध्यम से 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान लगाया गया है.