सरकार ने फास्टैग (Fastag) को लेकर बड़ी राहत का ऐलान किया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. हालांकि यह सुविधा का फायदा फिलहाल कार, जीप या वैन (Car, Jeep, Van) के लिए ही है, कामर्शियल गाड़ियों (Commercial Vehicles) को अभी भी फास्टैग (Fastag) में मिनिमम बैलेंस रखना होगा .

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

(Fastag) जारी करने वाले बैंक

अब तक फास्टैग (Fastag) जारी करने वाले बैंक वाहन चालकों से 150 से 200 रुपये का मिनिमम बैलेंस  फास्टैग (Fastag) में रखने के लिए कह रहे थे . लेकिन NHAI ने फास्टैग जारी करने वाले बैंकों से साफ तौर पर कहा है कि वे सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं कर सकते हैं. गौरतलब है कि मिनिमम बैलेंस से कम पैसे होने की वजह से कई FASTag इस्तेमाल कर रहे वाहन चालकों को अपने FASTag खाते/वॉलेट में पर्याप्त पैसे होने के बावजूद टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाती है. इसके चलते टोल प्लाजा पर वाहन चलाकों और टोल पर बैठे व्यक्ति में झगड़ा होता है. इससे टोल पर कई बार लम्बा जाम लग जाता है.

इस बात का जरूर रखें ध्यान

NHAI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अगर आपके FASTag के खाते या वॉलेट में टोल पर पैसे चुकाने के बाद बैलेंस नेगेटव हो जाता है तो भी आपको टोल पार करने दिया जाएगा. लेकिन आपको जल्द से जल्द अपना अकाउंट रीचार्ज करना होगा. यदि ग्राहक उसे रिचार्ज नहीं करता है तो निगेटिव अकाउंट की रकम बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट से वसूल कर सकता है.

FASTag कुल टोल कलेक्शन का 80 फीसदी

देश भर में 2.54 करोड़ से अधिक फास्टैग यूजर्स हैं. हाइवे पर FASTag कुल टोल कलेक्शन का 80 फीसदी योगदान देता है. इस समय FASTag के माध्यम से डेली टोल कलेक्शन 89 करोड़ रुपए को पार कर गया है. गौरतलब है कि 15 फरवरी 2021 से फास्टैग के माध्यम से टोल प्लाजा पर भुगतान अनिवार्य हो जाएगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण देश भर में टोल प्लाजा पर 100% कैशलेस टोल प्राप्त करने का लक्ष्य बना रहा है.

15 फरवरी 2021 से जरूरी है FASTag

केंद्र सरकार ने पूरे देश में अब FASTag जरूरी कर दिया है. यानी अब हाईवे पर टोल देते समय इसी के जरिए पेमेंट करना होगा. पहले इसकी तारीख को आगे बढ़ाया था, लेकिन सरकार इसे आगे बढ़ाने के मूड में नजर नहीं आ रही है. अब 15 फरवरी तक सभी वाहनों पर FASTag स्टीकर लगाना जरूरी होगा. इससे पहले दिसंबर में इसको लागू करने की समय सीमा को बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 किया गया था.

क्या है FASTag? (What is FASTag?)

FASTag NETC या National Electronic Toll Collection FASTag इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम्स के साथ काम करता है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डवलप किया है. यह RFID तकनीक का इस्तेमाल कर गाड़ियों को बिना रोके ऑटोमेटिक तरीके से पेमेंट कलेक्शन करता है. जिससे आपको कैश देने की जरूरत नहीं होती. यह एक स्टिकर है जो आपकी कार के विंडशील्ड से अंदर से जुड़ा होता है. इस रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) में बारकोड होता है जो आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन डीटेल के साथ जुड़ा होता है.

कैसे करता है काम? (How does it work?)

FASTag एक ऐसा स्टीकर है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपका दिया जाता है जिसके बाद Toll Plaza किसी भी कैश लेन-देन के लिए गाड़ियों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है. RFID (Radio frequency identification) तकनीक से यह काम करता है. Toll Plaza से गुजरने पर टोल अमाउंट को FASTag से जुड़े खाते से सीधे काट लिया जाता है.

कब हुई थी शुरुआत?(When did it start?)

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने साल 2019 में FASTag की शुरुआत की थी जिसके बाद NHAI के मुताबिक टोल भुगतानों में FASTag की अभी हिस्सेदारी लगभग 75 से 80 फीसदी हो गई है. इसका मतलब ये हुआ कि हर 100 वाहनों में से लगभग 80 वाहन FASTag का इस्तेमाल कर टोल प्लाजा पर पेमेंट कर रहे हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ए​क सवाल के जवाब में कहा है कि भारत में FASTag से लेन-देन दिसंबर 2020 में 73.36% तक पहुंच गया है और पूरी उम्मीद है कि 15 फरवरी के बाद ये 100 फीसदी तक पहुंच जाएगा.

 

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें

Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.