गाड़ियों पर फास्टैग (fastag) जरूरी हो गया है, लेकिन फिर भी ऐसे तमाम लोग हैं जो अभी भी बिना फास्टैग की गाड़ियां घुमा रहे हैं. हालांकि टोल प्लाजा पर कैश की लाइन में इन लोगों को डबल टोल देना पड़ता है. इसके बाद भी देश में हजारों-लाखों गाड़ी बिना फास्टैग के दौड़ रही हैं. 

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ऐसी गाड़ियों पर शिंकजा कसने के लिए सरकार ने टोल प्लाजा के नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के मुताबिक, टोल प्लाजा से 24 घंटे के अंदर वापसी पर मिलने वाले डिस्काउंट को सरकार ने खत्म कर दिया है. अब यह डिस्काउंट सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगा जिन पर फास्टैग लगा हुआ है. 

नए नियम के मुताबिक, फास्टैग लगी गाड़ी अगर 24 घंटे के भीतर उसी टोल प्लाजा पर वापस आती है तो इसकी एवज में मिलने वाले डिस्काउंट के लिए अलग से कोई रसीद कटाने की जरूरत नहीं होगी. टोल प्लाजा पर खुद ही उसके फास्टैग खाते से डिस्काउंट लगाकर पैसे कटेंगे. अब अगर आप कैश से के टोल टैक्स देते हैं तो आपको 24 घंटे में वापसी पर मिलने वाली छूट नहीं मिलेगी.

इसके अलावा जिन विशेष गाड़ियों को टोल पर डिस्काउंट दिया जाता है, अब यह डिस्काउंट फास्टैग लगने पर ही मिलेगा. यानी अब हर हाल में आपको अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगवाना होगा, नहीं तो आपको अपना सफर मंहगा पड़ेगा. साथ ही टोल प्लाजा के कैश काउंटर पर लगने वाली लंबी लाइन में भी अपना समय गंवाना होगा.  

दोगुना टोल

अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा हुआ है और आप फास्टैग लेन में घुस जाते हैं तो आपको दोगुना टोल टैक्स देना पड़ता है. इसके अलावा आपकी गाड़ी में लगा फास्टैग एक्टिव नहीं है तो भी आपसे डबल टैक्स वसूला जाएगा.

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बता दें कि मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मकसद से फास्टैग सिस्टम को लागू किया हुआ है. फास्टैग से हाईवे पर गाड़ियों के बिना किसी रुकावट के आवागमन सुनिश्चित करने के लिए फास्टैग अनिवार्य किया हुआ है. केंद्र सरकार ने पिछले साल 15 दिसंबर से देश के सभी टोल टैक्स प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया था.