केंद्र सरकार ने पके और छिले नारियल (Mature Dehusked Coconut) का इस साल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रति क्विंटल 2,700 रुपये तय किया है. पिछले साल के सीजन के 2,571 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 5.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी एमएसपी में की गई है.

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि पके-छिले नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्‍य में इजाफे से ताजा नारियल की खरीद आसान होगी. सरकार के इस फैसले से लाखों छोटे नारियल किसानों को फायदा होगा.

नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि नारियल, छोटे किसानों की फसल है और ऐसे किसानों को बड़े पैमाने पर नारियल इकट्ठा करना और फिर उसका खोपरा बनाने का इंतजाम करना आम बात नहीं है. हालांकि खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्‍य 9,960 रुपये प्रति क्विंटल है. 

लेकिन पके और छिले नारियल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्‍य (Minimum Support Price) में इजाफे की घोषणा से छोटे किसानों को तुरंत फायदा होगा.   

नारियल से भारत के छोटे किसानों का जीवन जुड़ा हुआ है. भारत में नारियल की खेती और इससे जुड़े उद्योग के विकास के लिए 1981 में नारियल विकास बोर्ड बनाया गया था. भारत में नारियल की किस्मों को दो हिस्सों में बांटा गया है, एक लम्बी और दूसरी बौनी किस्म.

बता दें कि कुछ समय पहले सरकार ने खरीफ फसलों (kharif crops) के न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया था. सरकार ने खरीफ फसलों की लागत से 50 से 80 फीसदी ज्यादा एमएसपी घोषित किया था. 

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कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) किसानों की आमदनी दोगुनी (Farmers' Income) करने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में केंद्र ने फसलों की लागत में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है.