कोरोना वायरस (Covid-19 Pandemic) से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) है. कुछ जगहों पर तो पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है. यहां कर्फ्यू जैसे हालात हैं. स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर तमाम सर्विस बंद हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी किसानों (Farmers) को उठानी पड़ रही है. यह समय फसलों की कटाई का है. लॉकडाउन के चलते किसानों को खेती के मजदूर नहीं मिल रहे हैं और जहां कहीं मशीनों से कटाई हो रही है, वहां मशीनों के चार्ज बहुत ज्यादा हैं.

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हालांकि सरकार ने खेती-किसानी से जुड़े कामों को लॉकडाउन से अलग रखा है. किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार लगातार राहत पैकेज की घोषणा कर रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Tomar) ने मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में किसानों के हित में अब तक लिए गए फैसलों की समीक्षा की गई और कुछ नए फैसले लिए गए. 

बैठक के बाद कृषि मंत्री (Narendra Tomar) ने गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से संपर्क कर किसानों के सामने आ रही परेशानियों पर चर्चा की. कृषि मंत्री ने अपने विभाग के अधिकारियों को किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने और कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के निर्देश दिए. 

बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में कृषि मंत्रील नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है. 

फसलों की कटाई और बिक्री में नहीं होगी परेशानी

कृषि मंत्री ने बताया कि इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि फसलों की कटाई के दौरान किसानों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे फसल कटाई के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का पालन जरूर करें.

कृषि मंत्री ने बताया कि फसल कटने के बाद उसे मंडी में बिक्री के लिए जिला स्तर पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं. 

कोशिश की जा रही है कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए ज्यादा दूर तक न जाना पड़े. कोशिश यह होना चाहिए कि कृषि उपज खेत के पास ही बिक जाए.

कृषि मंत्री ने बताया कि अधिकारियों को मंडी या बाजार में सैनिटाइजेशन के इंतजाम करने के लिए भी कहा गया है. साथ ही कोशिश की जा रही है कि फसल को ले जाने के लिए किसानों को राज्य और अंतरराज्यीय वाहन की सुविधा मिले.

फसल को ट्रकों से ले जाने के लिए लॉकडाउन के दौरान छूट का फैसला लिया गया है. आगे बुआई भी होनी है, जिसे लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होने दी जाएगी. फसल कटाई और बुआई से संबंधित यंत्रों की आवाजाही को छूट दी गई है. कृषि मशीनरी और कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में खुली रहेंगी.

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किसानों के हित में लिए गए फैसले-

- कोई किसान एफपीओ या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने उत्पाद की होम डिलीवरी करना चाहता है तो इसमें सहायता की जाएं. 

- सभी राज्यों से कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) अधिनियम में ढील देने का अनुरोध किया,  ताकि किसान अपनी उपज मंडियों के बाहर और बिना परेशानी के बेच सकें.

- सभी राज्यों से निवेदन किया है कि वे मंडी टैक्स अभी ना लें.

- बागवानी की खराब होने वाली वस्तुओं की बिक्री के लिए सभी चैनलों जैसे-एपीएमसी, रिटेल चेन, थोक बाजार और प्रोसेसर्स का उपयोग करने के लिए समर्थन किया जाए.

- किसानों द्वारा अगले महीनों के दौरान की जरूरतों को पूरा करने के लिए कम समय वाली फसलें उगाई जा सकती हैं.

- किसानों को अपनी उपज मंडियों में लाने की जरूरत नहीं पड़े, वेयर हाउसों से ही उपज की बिक्री की जा सकती है.

- खरीद केंद्रों पर भीड़ कम करने के लिए गोदामों को मंडी के रूप में घोषित करके खरीद केंद्र खोले जाएं.