Farmers Protest: किसानों ने कहा- आ अब लौट चलें, राकेश टिकैत ने बताया कब खाली होगा धरना स्थल
Farmer Protest: केंद्र सरकार की तरफ से मिले सहमति पत्र के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. किसानों ने आज से दिल्ली बॉर्डर खाली करना शुरू कर दिया है.
Farmer Protest: 3 कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सालभर से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान अब घर जाने की तैयारी कर रहे हैं. किसानों की मांगों पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार की तरफ से मिले औपचारिक लेटर के बाद से किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया और अब वे घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.
राकेश टिकैत ने कही ये बात
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह कल सुबह 8 बजे तक धरना स्थल को खाली कर देंगे. उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हम बातचीत करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे, जिन्होंने इस आंदोलन में हमारी मदद की.
राकेश टिकैत ने कहा कि वे 15 दिसंबर को वापस जाएंगे. किसानों ने धरना स्थल को खाली करना भी शुरू कर दिया है. इसमें 4-5 दिन लगेंगे.
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किसानों ने उतारे टेंट
गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से शनिवार सुबह अपना टेंट समेटना शुरू कर दिया. वहीं टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी अपना सामान बांधना शुरू कर दिया है. किसान आज से अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं. साल भर से भी अधिक समय से यहां प्रदर्शन कर रहे किसान इस दौरान जश्न मनाते और डांस करते दिखें.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) पंजाब के कार्यकारी सदस्य मनप्रीत सिंह ने कहा, "साल भर के संघर्ष (Kisan Andolan) के बाद हमने यह लड़ाई जीती है. हमें खुशी है कि केंद्र सरकार हमारी लंबित मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है. हम पैकिंग कर रहे हैं और 11 दिसंबर की सुबह 9 बजे यहां से अपने घर के लिए निकलेंगे."
15 जनवरी को करेंगे समीक्षा बैठक
3 कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को घोषणा की कि वे अपने आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं. किसान 11 दिसंबर को धरना स्थल खाली कर देंगे.
किसान नेता गुरनाम सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है. हम 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे. अगर सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं.
इससे पहले 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने 3 कषि कानूनों को स्थगित करने के लिए 'कृषि कानून निरसन विधेयक' पारित किया था.