गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा (tractor rally violence) पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि किसान नेता ट्रैक्टर परेड (farmers tractor parade) के किए गए अपने वादे से पलट गए जिसकी वजह से हालात बिगड़े. उन्होंने कहा कि यूनियनों ने उपद्रवी तत्वों को आगे कर दिया. इस हिंसा में 394 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. कई किसानों को भी चोट लगी हैं.

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ट्रैक्टर रैली (tractor parade) के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव (Delhi Police Commissioner SN Shrivastava) ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा पिछले 2 महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहा है. 2 जनवरी को पुलिस को किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के ऐलान की जानकारी हुई. 

उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें ट्रैक्टर रैली (farmers tractor march) की जानकारी मिली उन्होंने किसान नेताओं (farmer unions) से बात की. विभिन्न किसान नेताओं से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की 5 राउंड बातचीत चली. कई बार फोन पर भी बात हुई. 

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पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू (Satnam Singh Pannu) ने भड़काऊ भाषण दिया. दर्शन पाल सिंह (Darshan Pal) का भी माहौल खराब करने में हाथ है. सतनाम सिंह पन्नू ने परेड में शामिल लोगों से आह्वान किया कि आगे निकल जाएं, फिर वहां मौजूद लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ दिए. 

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा (culprits not be spared)

पुलिस कमिश्नर ने साफ कहा है कि हिंसा में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कोई किसान नेता भी दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई होगी. हिंसा करने वालों के वीडियो फुटेज पुलिस के पास हैं. इन फुटेज की जांच जारी है और गिरफ्तारी की जाएगी. अभी तक 25 केस रजिस्टर किए गए हैं. किसान संगठनों के नेताओं से पूछताछ की जाएगी. 

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