Employees in IT sector: नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले हर 100 में से आठ कैंडिडेट अपने बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हैं और गलत सूचना देते हैं. कर्मचारी की बैकग्राउंड के वेरिफिकेशन में सबसे ज्यादा 16.60 प्रतिशत की खामी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेक्टर में देखने को मिली है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पहचान मैनेजमेंट और बिजनेस इंटेलीजेंस कंपनी ऑथब्रिज की एक स्टडी में यह फैक्ट सामने आया है. हालांकि, पिछले तीन साल के दौरान कर्मचारियों द्वारा गलत जानकारी देने के कुल मामले घटे हैं.

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दूसरा स्थान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का है (Second place is in the healthcare sector)

खबर के मुताबिक, ऑथब्रिज की छठी वार्षिक रुख रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में दूसरा स्थान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र (Healthcare sector) है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 12 प्रतिशत कैंडिडेट अपने बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं करते हैं. इसके बाद 10.22 प्रतिशत के साथ खुदरा क्षेत्र (Retail Sector) का स्थान आता है. बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा यानी बीएफएसआई क्षेत्र के लिए यह आंकड़ा 9.76 प्रतिशत और फार्मा के लिए 9.65 प्रतिशत है.

35 से 39 साल के कैंडिडेट देते हैं सबसे ज्यादा गलत जानकारी (35 to 39 years old candidates give the most misinformation)

रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र (Travel and hospitality sector) में 9.58 प्रतिशत उम्मीदवार अपने नौकरी के एप्लीकेशन में गलत जानकारियां देते हैं. रिपोर्ट कहती है कि कुल मिलाकर 100 में से आठ कैंडिडेट अपने बारे में गलत या झूठी जानकारी नियोक्ता को देते हैं. पोर्ट के मुताबिक, 35 से 39 साल के उम्मीदवार सबसे ज्यादा गलत जानकारी देते हैं. इस आयु वर्ग में 9.09 प्रतिशत उम्मीदवार गलत जानकारी देकर नौकरी पाने का प्रयास करते हैं. रिपोर्ट कहती है कि इस आयु वर्ग में कर्मचारी रोजगार का अच्छा अवसर नहीं गंवाने के लिए ऐसा करते हैं.

नियुक्ति करते समय ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत (Need to be more careful while making the appointment)

ऑथब्रिज के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय त्रेहन ने ई-मेल से दिए जवाब में कहा कि इन तथ्यों को देखने के बाद नियुक्ति करते समय ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल के दौरान उम्मीदवारों की तरफ से गलत जानकारी देने के मामलों में कमी आई है. भारतीय कॉरपोरेट जगत ने किसी उम्मीदवार की बैकग्राउंड का पता लगाने के अपने सिस्टम को सख्त किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य रूप से उम्मीदवारों द्वारा अपने पते, पिछली नौकरी, पहचान और शैक्षणिक योग्यता की गलत जानकारी दी जाती है.

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