खाद्य नियामक एफएसएसएआई (FSSAI) खाद्य तेल निर्माताओं को विटामिन ए और डी का तेल में सम्मिश्रण जरूरी करने के बारे में विचार कर रहा है, जो शरीर की इम्युनिटी पावर को मजबूत करने में मददगार होते हैं.

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एफएसएसएआई के सीईओ अरुण सिंघल ने कहा कि FSSAI खाने के तेलों को विटामिन ए और डी को मिलानाअनिवार्य बनाने के बारे में विचार कर रहा है ताकि भारत के लोग बेहतर रोग-प्रतिरोधक क्षमता का लाभ ले सके.

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के तहत आने वाले खाद्य संवर्धन संसाधन केंद्र (FFRC) के ‘ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन’ (GAIN) के साथ मिलकर आयोजित खाद्य तेल संवर्धन पर एक राष्ट्रीय वेबिनार में यह बात निकलकर आई है. 

सिंघल ने कहा कि खाद्य तेल के पौष्टिक तत्वों के साथ सम्मिश्रण किये जाने से यह सुनिश्चित होगा कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों की देश भर में खाद्य तेलों तक पहुंच आसान हो.

भारत में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी सहित कुपोषण का बहुत अधिक समस्या है. हमारे देश में एक बड़ी आबादी विटामिन ए और डी की कमी से पीड़ित है. हमारे शरीर में इन विटामिनों की कमी, मृत्यु दर, उत्पादकता और आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. विटामिन ए और डी इम्युनिटी पावर को मजबूत करते हैं, जो कोविड ​​-19 महामारी के समय में महत्वपूर्ण है.

शुद्ध सरसों तेल की होगी बिक्री

 सरसों के तेल (Mustard Oil) में अब कोई भी ब्रांड किसी अन्य खाने के तेल की मिलावट (Edible oil Adulteration) नहीं कर पाएंगे. अब सिर्फ शुद्ध सरसों के तेल (Pure Mustard Oil) की बिक्री होगी.

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सरकार ने इसके लिए FSSAI को निर्देश भी दे दिए हैं. और नए दिशा-निर्देशों को एक अक्टूबर से अमल में लाया जाएगा.

फिलहाल सरसों के तेल में 20 परसेंट तक अन्य खाने का तेल मिलाना की ही इजाजत है. लेकिन इस नियम के बाद अब ये मिलावट नहीं होगी और शुद्ध सरसों के तेल की बिक्री होगी.