Earthquake in Assam: पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्से में लोगों ने बुधवार सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए. लोगों  ने एक के बाद एक तीन झटके महसूस किए. Ministry of Earth Sciences, Government of India के National Center for Seismology के मुताबिक भूकंप का पहला झटका सुबह लगभग 07:51 बजे महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 नापी गई इसका केंद्र असम के Sonitpur इलाके में था. 

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भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए 

दूसरा झटका सुबह 7:58 बजे महसूस किया गया. असम के तेजपुर इलाके में जमीन में करीब 30 किलोमीटर नीचे था. भूकंप के इस झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर  4.3 रही. वहीं तीसरा झटका भी असर के तेजपुर के पश्चिमी हिस्से में जमीन के नीचे लगभग 39 किलोमीटर था. इस झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 रही. भूकंप के झटके की तीव्रता इतनी थी कि बंगाल के कुछ हिस्से में भी लोगों ने इसे इसे महसूस किया.

दिल्ली में हाल ही में दर्ज किए गए झटके Earthquake in Delhi

Earthquake in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत में 12 फरवरी की रात को 10 बजकर 31 मिनट पर जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई. कई इलाकों में 10 बजकर 34 मिनट पर दोबारा झटका महसूस हुआ.राजधानी दिल्ली-एनसीआर में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई. उत्तर भारत के कुल आठ राज्यों में एक साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए.

दहशत से लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए. इतना ही नहीं, भूकंप से भारत के आस-पास के चार देशों- ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तेज झटके महसूस किए गए. ताजिकिस्तान में भूकंप का केंद्र था. भूकंप का केंद्र जमीन से 74 किलोमीटर नीचे था. पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई. अब तक की जानकारी के मुताबिक अबतक जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

पिछले साल कुल 51 भूकंप आए (Last year a total of 51 earthquakes) 

NCS की वेबसाइट (NCS website) के मुताबिक दिल्‍ली या उसके 200 किलोमीटर के दायरे में पिछले साल कुल 51 छोटे-मध्‍यम तीव्रता के भूकंप आए थे. पिछले महीने, क्रिसमस (Christmas) की सुबह भी 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था. उससे पहले, 17 दिसंबर को भी दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोगों ने झटके महसूस किए थे. तब रिक्‍टर स्‍केल तीव्रता 4.2 दिखा रहा था.

की जा रही है स्टडी (Study is being done)

पिछले साल आए भूकंपों के बाद, NCS ने दिल्‍ली-एनसीआर में एक भूभौतिकीय सर्वेक्षण शुरू किया है. पृथ्वी की सतह की खामियों का पता लगाने के लिए उपग्रह की तस्वीरों और भूगर्भीय क्षेत्र की जांच का एनालिसिस करेगा. इन दोनों सर्वे के 31 मार्च तक पूरा होने की उम्‍मीद है. भूकंप और उनके झटकों के सटीक स्रोतों का पता लगाने के लिए 11 अस्थायी अतिरिक्त स्टेशनों को तैनात किया गया है. इन स्टेशनों से डेटा लगभग रियलटाइम में हासित होता है.

भूकंप आने पर क्या करें क्या न करें (What to do and not to do when an earthquake)

भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें. जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो. भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें.

घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें. आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें. लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं. झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.

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