e-Shram Portal: एक करोड़ से अधिक लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, फटाफट करा लें रजिस्टर, मिलेगा 2 लाख रुपये तक का लाभ
e-Shram Portal registration: लेबर मिनिस्ट्री ने बताया कि अभी तक 1 करोड़ से अधिक लोगों ने e-Shram पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा लिया है.
e-Shram Portal registration: श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने बताया कि अभी तक 1 करोड़ से अधिक असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में एक करोड़ से अधिक असंगठित कामगार ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर रजिस्टर्ड हैं, जो कि असंगठित श्रमिकों का भारत का पहला नेशनल डेटाबेस है.
मंत्रालय ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labour) के रजिस्ट्रेशन सुविधा के लिए 26 अगस्त, 2021 को अपने लॉन्च होने के बाद से ही इस ई-श्रम पोर्टल पर लोगों ने बहुत ध्यान दिया है. मंत्रालय ने बताया कि लगभग 24 दिनों में 1 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.
असंगठित मजदूरों के लिए पहला नेशनल डेटाबेस
यह पोर्टल कंस्ट्रक्शन, परिधान निर्माण, मछलीपालन, प्लेटफॉर्म वर्क, स्ट्रीट वेंडिंग, घरेलू काम और परिवहन आदि क्षेत्र जैसे विभिन्न असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक व्यापक डेटाबेस बनाने की तरफ पहला कदम है. इन असंगठित क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा काम करता है.
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मजदूरों को मिलेगा 2 लाख तक का लाभ
इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर असंगठित क्षेत्र के मजदूर विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों और श्रमिकों के लिए बने विभिन्न अधिकारों तक अपनी पहुंच स्थापित करेंगे. इस पोर्टल पर रजिस्टर्ज किसी कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो वह स्थायी विकलांगता और मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपये तक की सहायता राशि पाने का पात्र होगा.
ये प्रवासी श्रमिक भी अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार आधारित योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.
38 करोड़ मजदूरों को जोड़ना है लक्ष्य
आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 (Economic Survey 2019-20) के अनुसार, देश में अनुमानित 38 करोड़ असंगठित श्रमिक (UW) हैं, जिन्हें इस पोर्टल पर पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है.
मंत्रालय ने कहा कि अब तक पोर्टल में 1,03,12,095 कर्मचारियों ने पंजीकरण कराया है. इनमें से करीब 43 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं और 57 फीसदी पुरुष हैं.
इन राज्यों से आएं सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन
मंत्रालय के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आए हैं. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वाभाविक रूप से कम संख्या में रजिस्ट्रेशन होंगे. लेकिन इस अभियान को केरल, गुजरात, उत्तराखंड, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर और चंडीगढ़ जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में और गति पकड़ने की आवश्यकता है.