E-Sanjeevani Service: ई-संजीवनी सर्विस ने रिकॉर्ड बना दिया है. इसके जरिये देश भर में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को टेली-काउंसलिंग सर्विस दी जा चुकी हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ई-संजीवनी सुविधा के जरिए रोजाना 75 हजार मरीजों को सेवाएं दी जा रही हैं. खास बात ये है कि पिछले 10 महीनों में इसकी सर्विसेज में 1,000 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा (National Teleconsultation Service) ई-संजीवनी तेजी से देश की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी टेलीमेडिसिन सर्विस बन गई है. इसको पूरे देश में पेशेंट के साथ-साथ डॉक्टर और एक्सपर्ट बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं. रिकॉर्ड समय में राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ने पूरे भारत में 10 मिलियन यानी 1 करोड़ से ज्यादा टेली-काउंसलिंग आयोजित किए हैं. 

पहले एक महीने में थीं डेढ़ लाख सर्विस

मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा जिसके जरिए सितंबर 2020 में 160,807 टेली-काउंसलिंग सेवाएं दी जा रही थीं, जुलाई 2021 में बढ़कर 16,50,822 टेली-काउंसलिंग देने में सक्षम हो गई हैं.

1,55,00 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में होगी शुरुआत

हेल्थ मिनिस्ट्री ने साल 2018 में आयुष्मान भारत के तहत टेली-परामर्श की शुरुआत की थी. ई-संजीवनी ओपीडी की शुरुआत कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई थी. शुरुआत के एक महीने के भीतर देश के आधे से ज्यादा राज्यों में इसकी ओपीडी शुरू की गई. आपको बता दें कि साल 2022 के अंत तक देश के सभी 1,55,00 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में ई-संजीवनी की शुरुआत की जाएगी.

सुविधा लेने वाली 56 प्रतिशत महिलाएं

देश के सभी 701 जिलों में इसकी टेली-काउंसलिंग की सुविधाएं हैं. इस सुविधा का लाभ लेने वालों में 56 फीसदी महिलाएं हैं. इसके साथ 0.5 प्रतिशत लोग 80 साल से ऊपर के हैं. 18 प्रतिशत मरीज 20 साल से ऊपर हैं, जिन्होंने इस सुविधा का इस्तेमाल किया है.

दक्षिण भारत में ज्यादा लोकप्रिय

देश में टेली-काउंसलिंग सर्विसेज टियर-2, टियर-3 शहरों में ज्यादा लोकप्रिय हैं. खासकर दक्षिण भारत में ज्यादा लोगों ने इसका फायदा उठाया है. देश के 10 प्रमुख शहरों में आंध्र प्रदेश से चित्तूर, पूर्व गोदावरी, गुंटूर, नेल्लोर, पश्चिम गोदावरी, कृष्णा, प्रकाशम, अनंतपुर, कुर्नूल और तमिलनाडु से सलेम शामिल हैं. ई-संजीवनी वहीं ई-संजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म्स के जरिए काउंसलिंग के लिए रजिट्रेशन कराने वाले टॉप 10 राज्यों में आंध्र प्रदेश (2751271), कर्नाटक (1939444), तमिलनाडु (1476227), उत्तर प्रदेश (1232627), गुजरात (416221), मध्य प्रदेश (369175), बिहार (343811), महाराष्ट्र (331737), केरल (237973) और उत्तराखंड (226436) हैं. गौरतलब हो कि कोरोना काल में यह एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन कर उभरा है. जिसके जरिए लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाव, अस्पताल जाने के लिए यात्रा और थकान से बचाव हुआ है. साथ ही ई-संजीवनी से लोगों को ऑनटाइम इलाज भी मिल रहा है.

Zee Business Hindi Live यहां देखें