उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi aadityanath) ने प्रदेश के करोड़ों किसानों को मंडियों में बेहतर सुविधा देने और मंडियों में काम कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन के लिए मंडी शुल्क (Mandi tax) की दर को आधा कर दिया है. CM ने इसे 2 फीसदी से घटाकर मात्र 1 फीसदी करने का आदेश दिया है. मंडियों में विकास काम को गति देने के लिए विकास शुल्क (Development tax) की दर (0.5 प्रतिशत) बनी रहेगी.

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अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 प्रतिशत के स्थान पर कुल 1.5 प्रतिशत टैक्‍स लगेगा. मुख्यमंत्री कार्यालय ने Tweet किया-मुख्यमंत्री का यह फैसला किसानों और संबंधित व्यापारिक संगठनों के लिए दिवाली का तोहफा है.

इससे पहले कोरोना महामारी (Coronavirus mahamari) के दौरान किसानों के लिए फलों और सब्जियों की मार्केटिंग के लिए कुल 45 जिन्सों (Commodity) को एकसाथ मई में डी-नोटिफाइड कर दिया गया था, जिसके बाद उन्‍हें मंडी शुल्क नहीं देना पड़ता था. इन उत्पादों के मंडी परिसर में लाने पर मात्र 1 प्रतिशत टैक्‍स लगता था. 

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कई कंपनियों के साथ फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए करार किया था. इसमें पेप्सिको (PepsiCo) ने मथुरा में आलू के चिप्स (potato chips) के उत्पादन के लिए 814 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट की घोषणा की है. यह प्लांट मथुरा के कोसी में लगाया जाएगा और अगले साल मार्च तक इस प्लांट में चिप्स का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

कोसी क्षेत्र में प्लांट की स्थापना 35 एकड़ भूमि पर की जा रही है. जमीन यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) द्वारा उपलब्ध कराई गई है. PepsiCo का कहना है कि चिप्स बनाने के लिए वह ज्यादातर आलू मथुरा के किसानों से ही खरीदेगी. इससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. कंपनी का दावा है चिप्स प्लांट तैयार होने के बाद लगभग 1500 लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार मिलेगा.

प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के मुताबिक यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उद्योग समर्थक नीतियों का ही नतीजा है. ऐसी नीतियां, जिनके तहत सरकार ने व्यापार करने में आसानी के लिए व्यावसायिक सुधार किए हैं, उनसे प्रदेश निवेश के लिए एक अत्यधिक आकर्षक राज्य बना है.

PepsiCo इंडिया के अध्यक्ष अहमद अल शेख ने कहा कि शुरुआत में इस परियोजना में 500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई गई थी, जिसके लिए कंपनी ने 2018 इन्वेस्टर्स समिट के दौरान यूपी सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. और इसे संशोधित कर 814 करोड़ रुपये कर दिया गया.