e-waste Management Eco Park: पार्क तो आपने बहुत सारे देखे होंगे और कई बार यहां घूमने भी गए होंगे लेकिन दिल्ली में नए तरह का पार्क बनने वाला है. देश की राजधानी में e-waste मैनेजमेंट ईको पार्क बनेगा. दिल्ली कैबिनेट ने ये अहम फैसला लिया है. e-waste यानी ई-कचरा के निस्तारण को लेकर यह बड़ा कदम होगा. राष्ट्रीय राजधानी में 20 एकड़ एरिया में इसे बनाया जाएगा. आपके बता दें कि दिल्ली में हर साल 2 लाख टन ई-कचरा होता है. 

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फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम

केजरीवाल कैबिनेट ने दिल्ली फिल्म पॉलिसी को भी मंजूरी दी है. फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए 3 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. फिल्म एडवाइजरी बोर्ड की भी स्थापना की जाएगी जो इसे बढ़ावा देने के लिए राय देगी. आने वाले दिनों में आप दिल्ली फिल्म फेस्टिवल में भी शिरकत कर सकेंगे. दरअसल यह दिल्ली का अपना इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल होगा. राज्य सरकार इसका आयोजन करेगी.

e-waste परेशानी का सबब 

ई-कचरे के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित निराकरण और निपटान में ई-कचरा प्रबंधन इको-पार्क से काफी मदद मिलेगी. यह कचरा बिजली के उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, कंप्यूटर और सहायक उपकरण और मोबाइल फोन से निकलता है. आपको बता दें कि बढ़ता e-waste पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब है. भारत ई-कचरे का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. 

ई-कचरा 3 से 5 फीसदी की दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ते कचरे में से एक है. ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर रिपोर्ट 2020 के मुताबिक दुनिया भर में 2019 में 53.7 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कचरा पैदा हुआ. यह 2030 तक 74.7 एमएमटी तक पहुंचने की उम्मीद है.

पर्यावरण के लिए खतरा

इन ई-कचरे में टॉक्सिक मेटेरियल होते हैं. वहीं गलत तरीके से की गई रिसाइकलिंग प्रक्रिया लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा है. ई-कचरे को metal recovery और ऊर्जा उत्पादन के लिए 'शहरी खान' (Urban Mines) माना जा सकता है.