दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) के खिलाफ महाअभियान की शुरुआत की है. सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए प्रदूषित हवा जानलेवा हो सकती है.

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दिल्ली सरकार ने इस प्रदूषण के खिलाफ एक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है और इस अभियान को नाम दिया है 'युद्ध प्रदूषण के विरुध' (Anti pollution campaign).  इस अभियान के तहत शहर के 13 प्रदूषित प्वाइंट में से हर एक के लिए अलग योजना बनाई गई है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ उनकी सरकार द्वारा किए जा रहे सभी उपायों की निगरानी के लिए एक वॉर रूम तैयार किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ‘ग्रीन दिल्ली’ नामक मोबाइल ऐप (Green Delhi App) भी तैयार कर रही है.

इस ऐप का इस्तेमाल कर लोग कचरा जलाना या औद्योगिक प्रदूषण जैसी शिकायतों से सरकार को अवगत करा सकते हैं. शिकायतों के निपटारे के लिए एक समय सीमा होगी. 

मुख्यमंत्री ने धूल को कम करने के लिए गड्ढों को भरने के भी संबिंधित विभागों को निर्देश दिए हैं. धूल से प्रदूषण पर काबू के लिए टीमें निर्माण स्थलों का जायजा कर रही हैं.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली का जलाना है. इस पराली की समस्या से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक किफायती तरीका खोजा है. उन्होंने ऐसा घोल तैयार किया है जिससे पराली को खाद में तब्दील किया जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली से 300 किलोमीटर के दायरे में 11 ताप बिजली घर हैं जिन्होंने दिसंबर 2019 तक नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने की समय सीमा का पालन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हमने अपने दो ताप बिजली घर बंद कर दिए हैं.